सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सीबीआई के अंतरिम निदेशक (CBI Interim Director) के तौर पर आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव (M. Nageswara Rao) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एनजीओ की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Chief Justice Ranjan Gogoi), न्यायमूर्ति एन. एल. राव और न्यायमूर्ति एस. के. कौल की पीठ के समक्ष बुधवार को इस मामले का तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया था. याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ और आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज (Anjali Bhardwaj) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने पीठ मामले की सुनवाई शुक्रवार को करने का अनुरोध किया. न्यायमूर्ति गोगोई ने भूषण से कहा कि इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करना ‘‘निश्चित ही असंभव’’ है और सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी.
Supreme Court agrees to hear next week a plea filed against M Nageswara Rao’s appointment as interim Director of the Central Bureau of Investigation (CBI), plea also sought transparency in the process of short-listing, selection and appointment of the CBI Director. pic.twitter.com/v0cfM2BG49
— ANI (@ANI) January 16, 2019
सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति होने तक सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को 10 जनवरी को अंतरिम प्रमुख का प्रभार सौंपा गया था. वहीं, एम. नागेश्वर राव ने देश भर में जांच एजेंसी के विभिन्न जोन पर काम के बोझ को सुगम बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी में ढांचागत बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने आलोक कुमार वर्मा को भ्रष्टाचार और कर्तव्य की उपेक्षा के आरोपों के कारण जांच एजेंसी के प्रमुख पद से हटा दिया था.
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जु्न खड़गे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि एम. नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के पद पर नियुक्ति ‘गैरकानूनी’ है और जांच एजेंसी के नए प्रमुख की नियुक्ति के निए चयन समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए. उन्होंने यह भी आग्रह किया कि पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की जांच रिपोर्ट और 10 जनवरी को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए ताकि जनता खुद निष्कर्ष पर पहुंच सके. यह भी पढ़ें- राफेल डील के ऑडिट की जानकारी देने से CAG का इनकार, कहा- संसद का विशेषाधिकार हनन हो जाएगा
खड़गे ने बिना किसी देरी के, नए निदेशक की नियुक्ति के लिए चयन समिति की तत्काल बैठक बुलाने के लिए भी कहा था. लोकसभा में कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि राव की नियुक्ति ‘गैरकानूनी’ है. उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मामले में सरकार के कदमों से यही संकेत मिलता है कि वह नहीं चाहती कि सीबीआई एक स्वतंत्र निदेशक के तहत काम करे.
भाषा इनपुट