भारत के दुश्मनों का काल बनेगा 'Spike Anti-Tank Guided Missiles', एक वॉर में उड़ा देगा दुश्मनों के परखच्चे- VIDEO
भारतीय सेना सामरिक दृष्टि से लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रही है. मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh) के महू (Mhow) में भारतीय सेना स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (Spike Anti-Tank Guided Missiles) का सफल परिक्षण किया, जिसका वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल अपने लक्ष्य पर सटीक हमला कर उसे पलभर में ध्वस्त कर देता है. भारतीय सेना को इस मिसाइल लंबे समय से जरूरत थी. अब सेना के पास स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल आने के बाद दुश्मन के टैंक को बड़ी आसानी से टारगेट कर सकेगी. इस सफल परिक्षण के दौरान खुद वहां थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) भी मौजूद थे.
भोपाल:- भारतीय सेना सामरिक दृष्टि से लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रही है. मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh) के महू (Mhow) में भारतीय सेना स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (Spike Anti-Tank Guided Missiles) का सफल परिक्षण किया, जिसका वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल अपने लक्ष्य पर सटीक हमला कर उसे पलभर में ध्वस्त कर देता है. भारतीय सेना को इस मिसाइल लंबे समय से जरूरत थी. अब सेना के पास स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल आने के बाद दुश्मन के टैंक को बड़ी आसानी से टारगेट कर सकेगी. इस सफल परिक्षण के दौरान खुद वहां थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) भी मौजूद थे.
बता दें कि इससे पहले सितंबर महीने में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के कुर्नूल फायरिंग रेंज से मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण के सभी मानकों पर खरा उतरा है. डीआरडीओ द्वारा इस प्रणाली का यह तीसरा सफल परीक्षण है. इसे भारतीय सेना की तीसरी पीढ़ी के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की आवश्यकता को धयन में रखकर विकसित किया गया है.
यह भी पढ़ें:- DRDO ने किया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, पलक झपकते ही दुश्मनों का हो जाएगा खात्मा.
गौरतलब हो कि भारत ने इजरायल (Israel) से एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल स्पाइक (Spike Anti Tank Missile) की खरीद वाली डील इसी साल जून महीने में रद्द कर दी. बताया जा रहा है दोनों देशों के बीच यह रक्षा डील करीब 34.75 हजार करोड़ रुपए (500 मिलियन डॉलर) में तय हुई थी. दरअसल डीआरडीओ ने दावा किया है कि वह देश के अंदर ही इजरायल से मिलने वाले मिसाइल का निर्माण कर सकता है. जिसके बाद इस मिसाइल सौदे को कैंसिल कर दिया गया.