नई दिल्ली, 4 दिसंबर : कोविड-19 महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन से रबी की फसल की बुवाई (विपणन वर्ष या जनवरी-दिसंबर 2021) के परिणाम में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है. क्रिसिल रिसर्च रिपोर्ट में गुरुवार को उम्मीद जताई गई है कि रबी सीजन की बुवाई पिछले साल के उच्च स्तर 662 लाख हेक्टेयर की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक हो सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, सीजन में 27 नवंबर 2020 तक कुल 348 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है.
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यह पिछले साल की समान अवधि में 334 लाख हेक्टेयर की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक है. इसके साथ ही यह बीते पांच सालों के औसत से भी 2 प्रतिशत अधिक है. रबी फसल की अच्छी बुवाई की बड़ी वजह अच्छा मानसून भी रहा है. यह सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक रहा, जिससे मिट्टी में नमी बढ़ी है. साथ ही साथ यह बीते पांच सालों के औसत जल संचय से 19 प्रतिशत अधिक रहा. क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, खरीफ फसल की समय से कटाई के कारण रबी सीजन की बुवाई भी समय से हुई. वहीं 2019 में खरीफ फसल की कटाई में देरी के कारण नवंबर महीने में रबी फसल की बुवाई की गति धीमी रही थी.
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हालांकि, दिसंबर से इसकी रफ्तार में बढ़त दर्ज की गई थी. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि इस साल दिसंबर में रबी की बुआई की गति पिछले साल की तुलना में तेज होगी. रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है, "हम उम्मीद करते हैं कि वर्तमान रबी बुवाई (विपणन वर्ष के अनुसार या जनवरी-दिसंबर 2021) पिछले विपणन वर्ष में देखी गई 662 लाख हेक्टेयर के सभी समय के उच्च स्तर से दो प्रतिशत अधिक होगी."
हालांकि चक्रवात 'निवार' और 'बुरेवी' के बाद तमिलनाडु में रबी की बुवाई के आंकड़े प्रभावित होने की आशंका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे राज्य में फसल की बुवाई को नुकसान पहुंच सकता है.