अक्टूबर 2023 का यह माह आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, क्योंकि इस माह श्राद्ध, शरद नवरात्रोत्सव एवं विजयादशमी जैसे मुख्य पर्वों के अलावा सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को और चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को लग रहा है. इस बार सूर्य ग्रहण का जो नजारा देखने को मिलेगा, वह दिव्य होगा. खगोल शास्त्रियों के अनुसार सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. जिसके कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा, लेकिन कुछ ज्योतिष शास्त्रियों की मानें तो कुछ विशेष परिस्थितियों में हमें सूतक काल के कुछ नियमों को मानना चाहिए. आइये जानते हैं इस संदर्भ में विस्तार से... Durga Puja 2023: कब शुरू होगा दुर्गा पूजा? जानें पांच दिवसीय पूजा-अनुष्ठान कार्यक्रम, और धुनुची नृत्य का दुर्गा पूजा में महत्व?
चमकते ‘रिंग ऑफ फायर’ का नजारा
पितरों की विदाई और शारदीय नवरात्रि के बीच की कड़ी के रूप में इस बार दुर्लभ सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. नासा के अनुसार इस बार सूर्य ग्रहण के दरमियान चंद्रमा सूर्य के सामने होगा, जिससे सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा इस स्थिति में होगा, कि सूर्य आसमान में चमकते हुए रिंग के समान दिखेगा, जिसे वैज्ञानिकों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है, लेकिन यह नजारा भारत, एवं उसके किसी भी पड़ोसी देशों में नहीं दिखेगा. सूर्य का यह दिव्य नजारा संयुक्त राज्य अमेरिका, जमैका, ब्राजील, कनाडा मैक्सिको, कोलंबिया, पेरू, अर्जेंटीना, क्यूबा और हैती आदि देशों के लोग ही देख सकेंगे.
सूर्य ग्रहण का समय
- आश्विन मास अमावस्या 08.34 PM से 02.26 AM तक (14 एवं 15 अक्टूबर 2023)
- सूतक कालः सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पूर्व 08.33 AM से 02.26 AM (ग्रहण की समाप्ति तक)
सूतक काल के कुछ नियम अवश्य मानना चाहिए
वलयाकार सूर्य ग्रहण का खूबसूरत दृश्य भारत में नहीं दिखेगा. इससे माना जा रहा है कि भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा, लेकिन कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माण्ड में सूर्य एक ही है, इसलिए उस पर लगने वाले ग्रहण के संदर्भ में हमें कुछ बातों पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. यहां जानेंगे, कि सूतक की किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
- गर्भवती महिला को सूर्य ग्रहण काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
- सूतक काल (ग्रहण काल से दस घंटे पूर्व से ग्रहण की समाप्ति तक) में गर्भवती महिला को सुई, चाकू, उस्तरा, ब्लेड, हंसिया, खुरपी या पिन जैसी धातु की नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए.
- ग्रहण काल तक भगवान की प्रतिमा एवं तस्वीरों को स्वच्छ कपड़े से ढक कर रखना चाहिए.
- ग्रहण काल में ना ही पूजा-पाठ करना चाहिए ना ही मूर्ति को स्पर्श करना चाहिए.
- गर्भवती महिला को ग्रहण काल में बनें भोजन नहीं करना चाहिए.