मुंबई:- महाराष्ट्र में ठाकरे की सरकार बन गई है. इसी के साथ सियासी दौर की शुरुवात हो गई. सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले रहे हैं. वहीं कभी सत्ता में रहे अपने साथ दल बीजेपी पर भी हमला करने से नहीं चुके रहे हैं. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से एक बार बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि, बीजेपी को अगले पांच साल इसी तरह पीछे हटने की आदत डाल लेनी चाहिए. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा लिखा है कि बतौर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जो गलतियां की है उन्हें विपक्ष का नेता होने के नाते फिर से नहीं दोहरना चाहिए. इसी कड़ी में लिखा है कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार नहीं बनी तो वसुंधराराजे विपक्ष का नेता नहीं बनी. वहीं मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान भी ने भी विपक्ष का पदभार नहीं संभाला. लेकिन महाराष्ट्र को लेकर दिल्लीवाले सिर्फ देवेंद्र फडणवीस-देवेंद्र फडणवीस ही कर रहे हैं.
बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली 'महा विकास अघाड़ी' सरकार ने शनिवार को 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए आवश्यक 145 मतों की तुलना में 169 मत हासिल करके विश्वास मत जीत लिया था. 169 मत हासिल करने वाले सत्तारूढ़ गठबंध के खिलाफ कोई मत नहीं पड़ा, जबकि चार सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. जिसके बाद बीजेपी ने अपने 105 विधायकों और अन्य समर्थकों के साथ विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया था. भारतीय जनता पार्टी के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को रविवार को यहां महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में निर्विरोध चुना गया था. विधानसभा अध्यक्ष नाना एफ. पटोले ने सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी और विपक्ष के विधायकों द्वारा तालियों की गड़गड़ाहट के बीच फडणवीस के नाम की घोषणा की.
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य की कुर्सी संभालने के बाद से ही एक्शन में आ गए हैं. गुरुवार शपथ के एक दिन बाद जहां उन्होंने मुंबई के आरे कॉलोनी में बन रहे मेट्रो कार शेड (Aarey Metro Car Shed) के निर्माण पर रोक लगाने का ऐलान किया. वहीं अब आरे मेट्रो कार शेड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले पर्यावरणविदों के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने रविवार की शाम मीडिया से बात करते हुए कहा आरे मेट्रो कार शेड निर्माण के खिलाफ आंदोलन करने वाले जिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वे सभी मामले वापस लिए जाएंगे.