नाबालिग को 'आजा आजा' कहना यौन उत्पीड़न है- मुंबई कोर्ट
कोर्ट (Photo Credits: Twitter/TOI)

मुंबई: डिंडोशी की एक सत्र अदालत (A Sessions Court at Dindoshi) ने एक लड़की का पीछा करना और स्पष्ट संकेत के बावजूद उसे बार-बार 'आजा आजा' कहना यौन अपराध अधिनियम (POCSO) के तहत यौन उत्पीड़न माना है. घटना सितंबर 2015 की है, जब पीड़िता 15 साल की दसवीं कक्षा की छात्रा थी. अदालत के सामने पेश होने पर, उसने बताया था कि जब वह पैदल चलकर अपने फ्रेंच ट्यूशन के लिए जा रही थी, तो वह आदमी, जो उस समय लगभग बीस वर्ष का था, ने साइकिल पर उसका पीछा किया था और बार-बार 'आजा आजा' बोला था. यह भी पढ़ें: AAP सांसद संजय सिंह समेत 6 आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा, तीन महीने की हुई जेल

उसने इसे कुछ और दिनों तक जारी रखा. पहले दिन, उसने सड़क पर रहने वाले पुरुषों से मदद लेने की कोशिश की थी. उन्होंने उसका पीछा करने की कोशिश की थी लेकिन वह अपनी साइकिल पर भाग गया था. उसने अपने ट्यूशन टीचर और अपने माता-पिता को घटनाओं के बारे में बताया था. जल्द ही, उसने पाया कि वह बगल की इमारत में रात में चौकीदार के रूप में काम करता है और उसने अपनी माँ को बताया. मां ने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई.

आरोपी को सितंबर 2015 में गिरफ्तार किया गया और मार्च 2016 में जमानत मिली. उस व्यक्ति ने रहम की मांग की थी और अदालत से कहा था कि उसकी एक पत्नी और तीन साल का बच्चा है और वह गरीब है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.जे. खान ने उसे सितंबर 2015, में उसे गिरफ्तार किया गया था और मार्च, 2016 में उसे जमानत मिली थी.