अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर निर्माण (Ram Temple Construction) की कार्ययोजना बनाई जा रही है. मंदिर निर्माण किस तकनीक से किया जाएगा इसे लेकर मंथन चल रहा है और विशेषज्ञों की राय ली जा रही है. इस बीच राम मंदिर ट्रस्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) को मंदिर की नींव के लिए बेहतर मॉडल सुझाने को कहा है क्योंकि सरयू नदी (Saryu River) की एक धारा इसके नीचे पाई गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार इसकी वजह से मंदिर निर्माण कार्य में दिक्कतें आने की संभावना है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र इस बारे में IIT से राय ले रहा है.
रिपोर्ट्स के अनुसार विचार-विमर्श के दौरान, यह पाया गया कि मंदिर की नींव के लिए मौजूदा मॉडल संभव नहीं है क्योंकि सरयू नदी की एक धारा मंदिर के नीचे से बह रही है. 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र' ट्रस्ट के सूत्रों ने कहा कि आईआईटी से मंदिर की मजबूत नींव के लिए बेहतर मॉडल का सुझाव देने का अनुरोध किया गया है. अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के खाते से 6 लाख निकालने वाले 4 बदमाश गिरफ्तार, धोखाधड़ी का मामला दर्ज.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने इस मामले पर मंगलवार को अयोध्या में एक बैठक की अध्यक्षता की. इसमें कहा गया कि नियोजित राम मंदिर के स्थल के नीचे सरयू नदी की धारा मिलने से मंदिर की नींव के लिए मौजूदा मॉडल सही नहीं है.
राम मंदिर का निर्माण कार्य 2023 में पूरा होना है. मंदिर ट्रस्ट की निर्माण समिति दो विकल्पों पर विचार-विमर्श कर रही है. पहला तो ये कि राफ्ट को सपोर्ट करने के लिए वाइब्रो स्टोन कॉलम का उपयोग किया जाए जिस पर कि पत्थर रखे जा सकते हैं और दूसरा ये कि मिट्टी की गुणवत्ता और पकड़ को मजबूत किया जाए.