कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) विकसित करने के रूस के दावे पर दुनिया भर की निगाहें टिकी हैं. तमाम लोग सोच रहे हैं कि अब दो-तीन महीने में वैक्सीन बाजार में आ जाएगी, जबकि सच तो यह है कि इस वैक्सीन को आने में भी अभी समय लगेगा. एक अनुमान के मुताबिक 2021 में ही यह वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो पाएगी. सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मोहसिन वली (Dr. Mohsin Wali) ने कहा कि यह सिर्फ रूस नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए बड़ी खबर है. हालाकि उन्होंने साफ किया कि अभी वैक्सीन आयी नहीं है, बल्कि स्टेज-3 का ट्रायल हो रहा है, जिसमें रूस के राष्ट्रपति की बेटी भी ट्रायल के लिए आगे आयी हैं. वैक्सीन का प्रोडक्शन सितम्बर से शुरू होगा और अक्टूबर में मार्केटिंग होगी। इस वैक्सीन को स्पुतनिक-5 नाम दिया गया है और यह 2021 तक आ पाएगी.
डॉ. वली ने कहा कि अभी देखना यह है कि दुनिया भर में जिन 120 वैक्सीन पर काम चल रहा है, उनमें से कितनी सेफ्टी ट्रायल में सफल होती हैं। तभी पता चलेगा कि कौन सी अच्छी है। भारत में आने से पहले हमारे देश की टीम इसकी जांच करेगी. उसके बाद ही इसके बारे कुछ कहा जा सकेगा. वहीं रूस की वैक्सीन को लेकर एम्स, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि रूस में विकसित कोरोना वैक्सीन के असर की वैज्ञानिक स्तर पर जांच होनी चाहिए. यह भी पढ़े: Russia Approves First COVID-19 Vaccine: रूस ने बनाया दुनिया का पहला कोरोना वैक्सीन, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को भी दिया गया खुराक
यह वैक्सीन संक्रमण रोकने में कारगर और सुरक्षित साबित होती है तो इसका बड़े पैमाने में उत्पादन करने की क्षमता भारत के पास है। डॉ. गुलेरिया का कहना है कि रूस की वैक्सीन के असर की वैज्ञानिक स्तर पर जांच होनी चाहिए। अगर जांच में यह वैक्सीन सुरक्षित और कारगर साबित होती है तो इसका लाभ सभी को मिलना चाहिए.