Russia-Ukraine War: भारतीयों को लाने का मिशन तेज, यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे मोदी सरकार के 4 मंत्री
पीएम मोदी (Photo: ANI)

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पांचवें दिन भी जंग जारी है. यूक्रेन के कई बड़े शहरों पर रूसी सेना कब्ज़ा जमा चुकी है. राजधानी कीव में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है. राजधानी कीव समेत कई शहरों में आग से लिप्टे हुए घर और धुएं का गुबार देखा जा सकता है. इस बीच यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की वापसी का क्रम जारी है. यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. Russia-Ukraine War: अगले 24 घंटे बेहद अहम, रूस के साथ बेलारूस की सीमा पर बातचीत करेगा यूक्रेन.

सूत्रों के मुताबिक, वहां फंसे छात्रों की निकासी के लिए कुछ केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा सकता है. ये मंत्री अन्य देशों के साथ छात्रों की निकासी में समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे.

अभी तक की जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह निकासी मिशन के समन्वय और छात्रों की मदद करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों की यात्रा करेंगे.

इससे पहले भारत ने यूक्रेन मामले पर सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में तीसरी बार हिस्सा नहीं लिया है लेकिन यह कहा है कि वह यूक्रेन और रूस के बातचीत करने के फैसले का स्वागत करता है. भारत , चीन और संयुक्त अरब अमीरात रविवार को एक प्रक्रियात्मक मतदान पर 193-सदस्यीय महासभा में हिस्सा नहीं लेने वाले तीन देश थे और यह आपात बैठक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के मद्देनजर बुलाई गई थी.

भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि "यह खेदजनक है कि इस मामले पर परिषद की आखिरी बैठक के बाद से यूक्रेन में स्थिति और खराब हो गई है." उन्होंने कहा, "हम हिंसा को तत्काल समाप्त करने और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है."