मुंबई: श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए आतंकी हमला के बाद सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम महिलाओं को बुर्का पहनने पर बैन लगा दिया गया है. शिवसेना भी चाहती है कि श्रीलंका की तरफ भारत में भी सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर बैन लगाया जाए. शिवसेना (Shivsena) की इस मांग को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale ) ने इस पर अपना विरोध जताते हुए इस मांग का विरोध किया है.
आरपीआई नेता रामदास अठावले ने अपने बयान में कहा कि बुर्के पर भारत में बैन नहीं लगना चाहिए. क्योंकि उनके इस्लाम में बुर्का पहनना उनकी एक परंपरा है और मुस्लिम महिलाओं को हक है कि वह बुर्का पहन सकती हैं. इसलिए बुर्के पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए. उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि बुर्का पहनने वाली सभी महिलाएं आतंकवादी नहीं हैं. अगर कोई आतंकवादी है तो उसका बुर्का हटाया जा सकता है. यह भी पढ़े: शिवसेना ने की सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के को बैन करने की मांग
शिवसेना की मांग को लोगों ने किया विरोध
शिवसेना की इस मांग को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध जताया है. अनिशूर रहमान अशरफी, अय्यूब खान, मोहम्मद शेख जैसे लोगों ने शिवसेना के इस मांग को कड़े शब्दों में विरोध जताया है. उनका कहना है कि उनके इस्लाम में महिलाओं को पर्दा करने की इजाजत दी गई है और वे पर्दा करेंगी. इसलिए कोई इस्लाम में छेड़छाड़ ना करे. यह भी पढ़े: श्रीलंका में आतंकी हमला के बाद चेहरा ढकने पर लगा प्रतिबंध, सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम महिलाएं नहीं पहन पाएंगी बुर्का
बता दें कि सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम महिलाओं को बुर्का पहनने पर बैन की बात सामना के मुखपत्र संपादकीय में कहा गया है. शिवसना का कहना है कि "इस प्रतिबंध की अनुशंसा आपातकालीन उपाय के तौर पर की गई है जिससे कि सुरक्षा बलों को किसी को पहचानने में परेशानी ना हो. नकाब या बुर्का पहने हुए लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं." ज्ञात हो कि श्रीलंका में ईस्टर के दिन आतंकी हमला हुआ था. जिस हमले में करीब 250 लोग मारे गए थे और पांच सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे.