हिमाचल प्रदेश: भूस्खलन के कारण सड़कों पर आवागमन बंद, चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर आवाजाही प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन (Photo Credits : IANS)

शिमला : पिछले दो दिनों में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश में सोमवार को भी सड़कों पर आवागमन बंद है. भारी भूस्खलन ने चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही को प्रभावित किया. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां आईएएनएस को बताया कि पिछले दो दिनों में राज्य में बारिश के चलते हुए विभिन्न हादसों में कुल 22 लोगों की मौत हो गई और दो लोगों के लापता होने की खबर है.

राज्य में दो दिनों में सार्वजनिक और निजी संपत्ति दोनों का करीब 20 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है, अब तक कुल 547 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों को ले जाने वाले 300 से अधिक वाहन, केलांग और रोहतांग र्दे के बीच रविवार से फंसे हुए हैं और भूस्खलन के मलबे को हटाने का काम जारी है.

यह भी पढ़ें : हिमाचल प्रदेश: भूस्खलन से चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग यातायात बाधित, वैकल्पिक सड़कों के जरिए छोटे वाहनों को किया आंशिक रूप से बहाल

अधिकारियों ने कहा कि पंजाब के रोपड़ शहर से आगे हिमाचल प्रदेश के लिए रेल परिचालन को पटरियों को पहुंचे नुकसान के चलते रविवार को बंद कर दिया गया. 12 ट्रेनों को रद्द किया गया है.

भूस्खलन के बाद रविवार को बाधित हुई शिमला और कालका के बीच ट्रेन सेवाएं अब सामान्य हैं. स्थानीय भारतीय मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि राज्य में 24 घंटे की अवधि में लगभग 70 साल के बाद अब तक की सबसे अधिक रिकॉर्ड बारिश हुई है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, "पूरे राज्य में 102.5 मिलीमीटर बारिश हुई और यह इस दिन के लिए सामान्य से 1,065 प्रतिशत अधिक था." कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हुई है. लाहौल-स्पीति जिले के केलांग में भी बर्फबारी हुई.

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि राज्य में पिछले 12 घंटों में बड़े पैमाने पर बारिश के आसार नहीं हैं. मंगलवार तक कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना थी. राज्य की राजधानी में 11.9 मिलीमीटर बारिश देखी गई.

सरकार ने सोमवार को कुल्लू और शिमला जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की घोषणा की है. एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि किन्नौर, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में सतलुज, ब्यास और यमुना नदी और उनकी सहायक नदियां में बाढ़ की स्थिति है. एक अधिकारी ने कहा कि हमने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी है.