
मुंबई, 12 मई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विभिन्न नियमों का उल्लंघन करने को लेकर केनरा बैंक पर 2.92 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने शुक्रवार को बताया कि यह कार्रवाई ब्याज दरों को रेपो दर जैसे बाह्य मानकों से संबद्ध करने और अपात्र इकाइयों के बचत खाते खोलने के संबंध में की गई.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि 31 मार्च, 2021 तक के बैंक के विवरण के आधार पर एक वैधानिक निरीक्षण किया गया था. एक अन्य बैंक की ओर से बड़ी धोखाधड़ी की शिकायत मिलने पर केंद्रीय बैंक ने जुलाई, 2020 में जांच की थी.
जांच के बाद पाया गया कि बैंक ‘फ्लोटिंग रेट’ आधारित खुदरा ऋण और एमएसएमई को दिए गए ऋण पर ब्याज को बाह्य मानक से नहीं जोड़ पाया. साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान मंजूर और नवीनीकृत ‘फ्लोटिंग रेट’ आधारित रुपये के कर्ज पर ब्याज को अपनी कोष की सीमांत लागत (एमसीएलआर) से भी नहीं जोड़ सका.
आरबीआई ने कहा कि बैंक ने अपात्र इकाइयों के नाम पर कई बचत जमा खाते खोल दिए, कई क्रेडिट कार्ड खातों में फर्जी मोबाइल नंबर डाले गये और दैनिक जमा योजना के अंतर्गत जमा और खाता खोलने के 24 महीनों के अंदर समय से पहले रुपये निकालने पर पर ब्याज नहीं दिया गया.
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक ने ग्राहकों से एसएमएस सेवा का शुल्क ले लिया, जो उसके वास्तविक उपयोग के आधार पर नहीं था. बैंक लेन-देन के आधार पर ग्राहकों की जांच पड़ताल करने में भी विफल रहा.
आरबीआई ने कहा, “इसके बाद बैंक को नोटिस भेजते हुए उसे कारण बताने के लिए कहा गया कि उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाना चाहिए.” इसके बाद बैंक के लिखित एवं मौखिक जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई ने यह कार्रवाई की है.
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