आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Photo Credits: ANI)
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रमुख नीतिगत दरों को पूर्वस्तर पर बरकरार रखा है. रेपो रेट (Repo Rate) को 4 फीसदी पर ही रखा है. रेपो रेट में बदलाव न होने का मतलब ये हुआ कि ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिलेगी. मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट में बिना बदलाव के 4.2% पर है और रिवर्स रेपो रेट (3.35) फीसदी में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक के बाद शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई दे रहा है. हालांकि, यह सुधार एकसमान नहीं है. उन्होंने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं.
GDP अनुमान देते हुए रिजर्व बैंक ने GDP के वित्तवर्ष 2020-21 में 9.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई. उन्होंने उम्मीद जताई है कि चौथी तिमाही तक GDP दर घनात्मक यानी पॉजिटिव हो जाएगी. उन्होंने कहा, मैन्युफैक्चरिग, रिटेल बिक्री में कई देशों में रिकवरी दिखी है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है. मौजूदा वित्त वर्ष में रिकॉर्ड अनाज का उत्पादन हुआ है. उन्होंने कहा प्रवासी मजदूर फिर शहरों में लौट रहे हैं और लोग भी ऑफिस लौट रहे हैं. ऑनलाइन कॉमर्स में तेजी आई है. उम्मीद है कि फिस्कल ईयर 2021 की चौथी तिमाही के दौरान महंगाई में नरमी आएगी.
आरबीआई ने कहा कि वह 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक एमपीसी की बैठक आयोजित करेगा, जिससे सरकार को पैनल में तीन नए बाहरी सदस्यों को नियुक्त करने का समय देने में एक सप्ताह की देरी हो सकती है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Photo Credits: ANI)
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रमुख नीतिगत दरों को पूर्वस्तर पर बरकरार रखा है. रेपो रेट (Repo Rate) को 4 फीसदी पर ही रखा है. रेपो रेट में बदलाव न होने का मतलब ये हुआ कि ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिलेगी. मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट में बिना बदलाव के 4.2% पर है और रिवर्स रेपो रेट (3.35) फीसदी में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक के बाद शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई दे रहा है. हालांकि, यह सुधार एकसमान नहीं है. उन्होंने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं.
GDP अनुमान देते हुए रिजर्व बैंक ने GDP के वित्तवर्ष 2020-21 में 9.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई. उन्होंने उम्मीद जताई है कि चौथी तिमाही तक GDP दर घनात्मक यानी पॉजिटिव हो जाएगी. उन्होंने कहा, मैन्युफैक्चरिग, रिटेल बिक्री में कई देशों में रिकवरी दिखी है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है. मौजूदा वित्त वर्ष में रिकॉर्ड अनाज का उत्पादन हुआ है. उन्होंने कहा प्रवासी मजदूर फिर शहरों में लौट रहे हैं और लोग भी ऑफिस लौट रहे हैं. ऑनलाइन कॉमर्स में तेजी आई है. उम्मीद है कि फिस्कल ईयर 2021 की चौथी तिमाही के दौरान महंगाई में नरमी आएगी.
आरबीआई ने कहा कि वह 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक एमपीसी की बैठक आयोजित करेगा, जिससे सरकार को पैनल में तीन नए बाहरी सदस्यों को नियुक्त करने का समय देने में एक सप्ताह की देरी हो सकती है.