दिवाली से पहले RBI का तोहफा, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में की 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती, सस्ते होंगे लोन
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Photo credit- PTI)

त्योहारों के मौसम ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर बड़ा तोहफा दिया है. देश की सुस्त अर्थव्यवस्था में गति लाने के लिए आबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इसके बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी से 5.15 फीसदी हो गया है. आरबीआई द्वारा की कई इस कटौती के बाद होम लोन और ईएमआई (EMI) का बोझ और कम हो सकता है. आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में कटौती की है. रेपो रेट में कटोती के चलते रिवर्स रेपो रेट भी घट कर 4.90 फीसदी हो गई है. इसी तरह बैंक रेट भी 5.40 फीसदी हो गया है. रिवर्स रेपो रेट और बैंक रेट की दरें रेपो रेट में बदलाव के चलते उसी अनुपात में अपने आप ही बदल जाती हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी दरों की घोषणा की का अनुमान 7.2 फीसदी किया गया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति तीन दिन की बैठक की बैठक 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी. शुक्रवार को आरबीआई ने नई दरों की घोषणा की. लगातार सुस्त चल रही अर्थव्यवस्था को देखकर विशेषज्ञों का कहना था कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने और निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज दरों में कटौती जरूरी है.

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रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में की कटौती-

रेपो रेट कम होने का सीधा फायदा आम लोगों को होगा. ऐसे में बैंकों को कम ब्याज दरों में लोन देने होंगे. ग्राहकों को सस्ते लोन मिलेंगे. होम, ऑटो या अन्य प्रकार के लोन की ईएमआई में भी कमी होगी. रिजर्व बैंक ने बैंकों से 1 अक्टूबर से अपने सभी कर्ज को रेपो दर से जोड़ने को कहा है. इससे रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती का लाभ सीधे तौर पर बैंक से किसी भी तरह का लोन लेने वाले को मिलेगा. बता दें कि रिजर्व बैंक इस साल लगातार 4 बार में रेपो दर में 1.10 फीसदी की कटौती कर चुका है. अगस्त में की गई 0.35 फीसदी की कटौती के बाद वर्तमान में रेपो दर 5.40 फीसदी है.