लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरू (Bengaluru) स्थित चेन्ननहल्ली में होगी. 15 से 17 मार्च को होने वाली बैठक में राममंदिर निर्माण की खास गूंज सुनाई देगी. इस दौरान न सिर्फ राममंदिर निर्माण की रूपरेखा पर चर्चा होगी, बल्कि इसके सहारे उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अन्य मुद्दों पर भी मंथन होगा. बैठक की शुरुआत रामलला (Ramallah) के प्रसाद वितरण के बाद हो सकती है. अयोध्या से प्रसाद ले जाने का दायित्व डॉ. अनिल मिश्र (Dr. Anil Mishra) को सौंपा गया है. वह संघ के अवध प्रांत इकाई के कार्यवाह के अलावा रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी हैं. डा़ॅ मिश्रा ने आईएएनएस को बताया,"रामलला का प्रसाद प्रतिनिधि सभा में आए प्रत्येक सदस्य को दिया जाएगा."
उन्होंने बताया, "पहली बार इस बैठक में रामलला का प्रसाद बांटा जाएगा. प्रतिनिधियों को वही प्रसाद दिया जाएगा, जो वर्षो से चढ़ता चला आ रहा है. इसमें इलाइची दाना, मिश्री के साथ मेवा जैसे गरी, छोहारा एवं मखाना होगा. संघ का रामलला से सरोकार मंदिर आंदोलन से पूर्व का है. राममंदिर हमेशा से संघ का मुद्दा रहा है. यह कोई नई बात नहीं है." संघ के सूत्र बताते हैं कि संघ की रीति-नीति तय करने वाले इस फोरम की वर्ष में एक बार होली के आसपास बैठक होती है. वर्ष भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा इसी में तय होती है. इस बार की यह बैठक उत्तर प्रदेश के लिहाज से और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.
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संघ के एक पदाधिकारी ने बताया, "यह बैठक 14 मार्च को शुरू होगी. लेकिन उसमें सिर्फ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य ही भाग लेंगे. यह बैठक सार्वजानिक नहीं है, इसीलिए मुख्य रूप से बैठक 15 मार्च को सुबह 8:30 बजे से शुरू हो जाएगी. इसमें देश भर के आपेक्षित प्रतिनिधि भाग लेंगे. यह बैठक 17 मार्च को समाप्त हो जाएगी. इस बैठक में सरसंघ चालक, सहसंघ चालक, कार्यवाह, सहकार्यवाह, प्रचारक एवं सहप्रचारक, क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख, सह प्रचार प्रमुख, अखिल भारतीय प्रतिनिधि के अलावा अन्य कई संगठनों के लोग भाग लेंगे."
उन्होंने बताया कि इसमें संघ कार्य 2019-20 के कार्यो की समीक्षा होगी. आगामी संघ शिक्षा वर्ग और अन्य योजानाओं पर विस्तार से चर्चा होगी. देश की वर्तमान स्थित पर विचार प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है. ज्ञात हो कि राममंदिर (Ram Mandir) पर फैसला आने के बाद पहली बार प्रतिनिधि सभा की बैठक होने जा रही है. तय व्यवस्था के अनुसार, प्रतिनिधि सभा में संघ परिवार के सभी संगठनों में महामंत्री (संगठन) और अन्य प्रमुख पदों पर विराजमान लोग इसमें हिस्सा लेंगे.