राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति का किया गठन, कमलनाथ, सीपी जोशी, जनार्दन द्विवेदी, शिंदे बाहर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी का गठन किया गया. इसके साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं और युवा नेताओं दोनों के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश की गई है. लेकिन इस लिस्ट में कुछ नेताओं के नाम नदारत हैं. कांग्रेस कार्य समिति में कुल 51 सदस्यों को शामिल किया गया है लेकिन उनमे कांग्रेस के दिग्गज नेता जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सीपी जोशी, सुशील कुमार शिंदे और मोहन प्रकाश नाम शामिल नहीं है.

बता दें कि इनमें 23 सदस्य, 19 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 9 विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. कांग्रेस कार्य समिति में कुल 51 सदस्यों में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, मोती लाल वोरा, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी और ओमन चांडी, तरूण गोगोई, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया, ताम्रध्वज साहू, रघुवीर मीणा और गैखनगम,  वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, कुमारी शैलजा, मुकुल वासनिक का नाम शामिल है. वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कांग्रेस महासचिव बनाया गया.

स्थायी आमंत्रित सदस्यों के नाम

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, आरपीएन सिंह, पी एल पूनिया, रणदीप सुरजेवाला, आशा कुमारी, रजनी पाटिल, रामचंद्र खूंटिया, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, बालासाहेब थोराट, तारिक हमीद कारा, पी सी चाको, जितेंद्र सिंह, राजीव सातव, शक्तिसिंह गोहिल, गौरव गोगोई और ए. चेल्लाकुमार अनुग्रह नारायण सिंह, शामिल हैं. बता दें कि राहुल गांधी ने सीब्ल्यूसी की पहली बैठक 22 जुलाई को बुलाई है.

बता दें कि सीडब्ल्यूसी में प्रमुख सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वरिष्ठ नेता होंगे जो 2019 के आम चुनावों के लिए पार्टी की कोर टीम में होंगे. पिछले वर्ष दिसंबर में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने पहली बार सीडब्ल्यूसी गठित की है. मार्च में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्ण अधिवेशन में पार्टी प्रमुख के लिए राहुल गांधी के नाम पर अंतिम मुहर लगने के साथ ही उन्हें पार्टी की शीर्ष निर्णायक समिति का गठन करने का अधिकार देने के चार महीनों के बाद सीडब्ल्यूसी का गठन किया गया है.