नई दिल्ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) चीन के मद्दे को लेकर पीएम मोदी (PM Modi) पर लगातार हमलावर रहते हैं. उन्होंने एक बार फिर से चीन के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री को घेरने की कोशिश की हैं. मंगलवार को हरियाणा में कृषि बिल (Agricultural Bill) के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) पर हमला करते हुए कहा कि चीन भारत की जमीन पर कब्जा किया हैं. लेकिन प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप बैठे हैं और वे देशभक्त बने हुए हैं. आज सत्ता में उनकी सरकार होती तो चीन को 15 मिनट में बाहर फेंक दिया जाता. लेकिन प्रधानमंत्री हैं कुछ बोल ही नहीं रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि ''मैं गारंटी के साथ बोल रहा हूं. चीन में इतना दम नहीं था कि हमारे देश के अंदर एक कदम डाल दे. दुनिया में एक मात्र देश है जिसके अंदर उसकी सेना आई और 12 सौ स्कॉयर किलोमीटर जमीन ले गई और कायर प्रधानमंत्री कहते हैं इस देश की जमीन किसी ने नहीं ली. वे खुद को अपने आपको देशभक्त कहते हैं.'' वहीं अपने बयान में राहुल गांधी ने कहा कि पूरा देश इस बात को जानता है कि चीन की सेना हमारी सीमा में आई. लेकिन मै कहना चाहता हूं कि यदि कांग्रेस की सरकार होती तो चीन को 15 मिनट नहीं लगते, हमारी सेना, वायुसेना 2 किलोमीटर पीछे धकेलते हुए बाहर कर दी देती. लेकिन प्रधानमंत्री देश की शक्ति को नहीं समझते हैं.. यह भी पढ़े: India-China Border Tension: भारत-चीन के बीच सीमा पर जारी विवाद के बीच राहुल गांधी ने क्रोनोलॉजी के जरिए केंद्र पर साधा निशाना, पूछा-मोदी सरकार चीन या भारतीय सेना के साथ है?
चीन को लेकर राहुल गांधी ने क्या कहा:
#WATCH The coward PM says that no one has taken our land. Today, there is only one country in the world whose land has been taken by another country. And PM calls himself a 'deshbhakt'. If we were in power we would've thrown out China in less than 15 mins: Rahul Gandhi in Haryana pic.twitter.com/JarmXUMTFs
— ANI (@ANI) October 6, 2020
बता दें कि चीन मुद्दे को लेकर राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी को घेरने को लेकर यह पहला मौका नहीं हैं. बल्कि इसके पहले जब लद्दाख में चीनी सेना और भारतीय सेना के साथ खूनी झड़प हुई हैं. तब से ही राहुल गांधी पीएम मोदी पर हमला करते हुए आ रहे हैं. राहुल गांधी का कहना है चीन हमारे जमीन पर कब्जा करके बैठा है. लेकिन प्रधानमंत्री चीन के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय चुप बैठे हैं.