RBI vs Centre: रघुराम राजन ने दी सलाह- राहुल द्रविड़ की तरह काम करें, सिद्धू की तरह नहीं
रघुराम राजन (File Photo)

नई दिल्ली: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) विवाद के शांत होते ही मोदी सरकार के लिए रिजर्व बैंक नया सिरदर्द बनता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार पर केंद्रीय बैंक के कामकाज में दखल देने का आरोप लगा रहे है. इस बीच आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सलाह दी है.

एक निजी समाचार चैनल को इंटरव्यू देते हुए पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में आरबीआई की भूमिका राहुल द्रविड़ की तरह धीर-गंभीर फैसले लेने वाले की होनी चाहिए न कि नवजोत सिंह सिद्धू की तरह बयानबाजी करने वाले की.

आरबीआई का पक्ष लेते हुए उन्होंने आगे कहा “एक स्वतंत्र और स्वायत्त केन्द्रीय बैंक से राष्ट्र को फायदा ही मिलता है. राजन ने कहा कि भारत सरकार और केन्द्रीय रिजर्व बैंक के बीच मचे संग्राम में जब ही लगाम लग सकती है जब दोनों एक-दूसरे की मंशा और स्वायत्तता का सम्मान कर सकेंगे.

मोदी सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच जारी टकराव अब किसी से छिपी नहीं है. वित्तीय फैसलों में मतभेद के चलते देश की टॉप बैंक और मोदी सरकार के बीच टकराव चल रहा है. इस मामलें में मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री ने भी बयान देकर आरबीआई पर निशाना साधा था.

अरुण जेटली ने की थी RBI की आलोचना-

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बैंक जब 2008 से 2014 के बीच मनमाने ढंग से लोन दे रहे थे तो आरबीआई आंख मूंद कर बैठा रहा. वहीं रघुराम राजन का कहना है कि बैंक अधिकारियों के अति उत्साह, सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुस्ती तथा आर्थिक वृद्धि दर में नरमी डूबे कर्ज के बढ़ने की प्रमुख वजह है.

आरबीआई ने जताई नाखुशी-

इससे पहले आरबीआई के डिप्टी गवनर्नर विरल आचार्य ने केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर आवाज उठाई थी. आचार्य ने कहा था कि सरकार अगर आरबीआई की स्वायत्तता में दखल देती है तो ये ख़ासा नुक़सानदेह हो सकता है. आरबीआई के कर्मचारी यूनियन ने चिट्ठी लिखी है कि सरकार के द्वारा बैंक की स्वायत्तता को खतरा पहुंचाया जा रहा है. कई मामलों के कारण RBI गवर्नर सरकार से खुश नहीं हैं.

PM मोदी के फैसले से 15,310.73 अरब रुपये नष्ट-

नोटबंदी के बाद बैंकों में वापस आए अमान्य नोटों के कुल 15,310.73 अरब रुपये को नष्ट कर दिया गया है. इस बात की जानकारी आरबीआई ने एक आरटीआई के जवाब में दी है. हालांकि, आरबीआई ने यह नहीं बताया कि इन नोटों को नष्ट करने में कितना रुपया खर्च हुआ. बता दें कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी.