पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महिला को 12 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी, क्योंकि उसने दावा किया था कि शादी के झूठे वादे पर उसके साथ बलात्कार किया गया था. अदालत ने "अवांछित गर्भावस्था" की चिकित्सीय समाप्ति की अनुमति देते हुए कहा कि अवांछित गर्भावस्था महिला की रोजगार और अपने परिवार की आय में योगदान सहित जीवन में अन्य अवसरों को हासिल करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. न्यायाधीश विनोद एस भारद्वाज ने कहा, "अवांछित गर्भधारण के लिए मजबूर होने पर, एक महिला को महत्वपूर्ण शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों का अनुभव होने की संभावना होती है. बच्चे के जन्म के बाद भी ऐसी गर्भावस्था के परिणामों से निपटने से याचिकाकर्ता पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जिससे जीवन में अन्य अवसरों को हासिल करने की उसकी क्षमता प्रभावित होती है. जैसे कि रोजगार और उसके परिवार की आय में योगदान." HC- Husband Wife and Salary: पत्नी को पति की सैलरी जानने का अधिकार, तलाक की कार्रवाई के दौरान भी पति को देनी होगी पूरी जानकारी.

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