दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए रिश्वत देने के आरोपों को लेकर व्हाइट हाउस ने एक अहम बयान जारी किया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने कहा कि अमेरिका इन आरोपों से वाकिफ है और इस मामले पर नजर रखे हुए है. हालांकि, उन्होंने भारत और अमेरिका के मजबूत रिश्तों पर जोर देते हुए कहा कि यह मामला द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं डालेगा.
व्हाइट हाउस का बयान
कैरिन जीन पियरे ने कहा कि इस मामले में अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन (SEC) और न्याय विभाग (DoJ) अधिक जानकारी दे सकते हैं. लेकिन भारत और अमेरिका के रिश्ते गहरे और मजबूत नींव पर टिके हैं. उन्होंने कहा, "हमने पहले भी कई मुद्दों का समाधान किया है और इस मामले को भी हल करने का भरोसा रखते हैं."
अडानी पर क्या हैं आरोप?
गौतम अडानी और उनके समूह पर आरोप है कि उन्होंने भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 2,250 करोड़ रुपये की रिश्वत ऑफर की. ये प्रोजेक्ट्स अमेरिकी निवेशकों के फंड से विकसित किए गए थे, और आरोपों के अनुसार, इनसे समूह को अगले 20 वर्षों में 2 अरब डॉलर का मुनाफा होने का अनुमान था.
दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए रिश्वत देने के आरोपों को लेकर व्हाइट हाउस ने एक अहम बयान जारी किया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने कहा कि अमेरिका इन आरोपों से वाकिफ है और इस मामले पर नजर रखे हुए है. हालांकि, उन्होंने भारत और अमेरिका के मजबूत रिश्तों पर जोर देते हुए कहा कि यह मामला द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं डालेगा.
मामले की गंभीरता
अमेरिकी अभियोग के मुताबिक, अडानी समूह और उनकी साझेदार कंपनी एज्योर पावर ने सरकारी स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावाट सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया. लेकिन भारत में सौर ऊर्जा के खरीदार न मिलने के कारण यह डील अटक गई. बड़े नुकसान से बचने के लिए इन कंपनियों पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है.
कौन-कौन है आरोपों के घेरे में?
इस मामले में गौतम अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अडानी, एज्योर पावर के पूर्व सीईओ रंजीत गुप्ता, और सलाहकार रूपेश अग्रवाल समेत कई लोग शामिल बताए जा रहे हैं.
भारत-अमेरिका संबंध पर असर?
व्हाइट हाउस ने साफ किया कि इस मामले का भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दोनों देशों के बीच सहयोग और दोस्ती मजबूत बनी रहेगी.
क्या कहता है अडानी समूह?
अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया है. कंपनी का कहना है कि वह सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेगी और इन आरोपों का खंडन करेगी.
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है. जहां एक ओर व्हाइट हाउस ने भारत और अमेरिका के रिश्तों की मजबूती पर भरोसा जताया है, वहीं दूसरी ओर अडानी समूह पर लगे ये गंभीर आरोप उनके व्यवसाय और प्रतिष्ठा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं.