Gautam Adani Bribery Fraud Case: 'अडानी विवाद सुलझाने के लिए क्या मोदी जी ट्रंप से बात करेंगे'? TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कसा तंज

तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर अडानी समूह के खिलाफ तीखे शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) द्वारा आदानी समूह के खिलाफ आपराधिक आरोपों के बाद, महुआ ने अडानी समूह और भाजपा समर्थकों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.

महुआ मोइत्रा का अडानी समूह पर हमला 

महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को ट्विटर (X) पर अडानी समूह और भाजपा समर्थकों पर तंज कसा. उन्होंने लिखा, “भक्तों और अडानी समूह से चुप्पी क्यों? क्या मोदी जी डोनाल्ड ट्रंप से मदद लेने का इंतजार कर रहे हैं?" महुआ ने यह सवाल तब उठाया जब अमेरिका के न्याय विभाग और SEC ने आदानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी  और उनके अन्य सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक आरोप और नागरिक शिकायत दर्ज की.

यह कानूनी मामला अडानी समूह के लिए एक बड़ा झटका बनकर उभरा है. महुआ ने इस घटना को लेकर भाजपा और अडानी समूह के मौन पर हमला करते हुए यह भी सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विवाद को सुलझाने के लिए ट्रंप से संपर्क करेंगे.

महुआ मोइत्रा ने SEBI पर भी निशाना साधा

महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे पर केवल अडानी समूह तक ही नहीं, बल्कि भारत के बाजार नियामक संस्था SEBI पर भी तंज कसा. उन्होंने SEBI की अध्यक्ष माधाबी पुरी बुछ को 'निरस्त' और 'समझौता करने वाली' करार दिया. उनका कहना था कि SEBI अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को नजरअंदाज कर रहा है. महुआ ने SEC की प्रेस विज्ञप्ति को शेयर करते हुए कहा, "यह रही SEC की प्रेस विज्ञप्ति, जिसमें आपके भाई के लेन-देन का विवरण है."

महुआ की यह टिप्पणी इस बात को दर्शाती है कि उन्हें भारत में वित्तीय नियामकों की निष्पक्षता पर भी संदेह है. उन्होंने आरोप लगाया कि SEBI ने अडानी समूह के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जबकि अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने गंभीर आरोप लगाए हैं.

अडानी समूह की प्रतिक्रिया 

अमेरिका में दायर किए गए आपराधिक आरोपों और नागरिक शिकायतों के बाद अडानी समूह ने अपनी $600 मिलियन की बांड पेशकश को रद्द कर दिया है. आडानी ग्रीन की ओर से जारी बयान में कहा गया, "अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने हमारे बोर्ड के सदस्य गौतम अडानी और सागर आदानी के खिलाफ आपराधिक आरोप और नागरिक शिकायत दर्ज की है." बयान में यह भी कहा गया कि अब इन घटनाक्रमों के मद्देनजर उनकी सहायक कंपनियों ने प्रस्तावित USD-निर्देशित बांड पेशकश को रद्द करने का निर्णय लिया है.

इस घोषणा के बाद अडानी समूह की कई कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई, और बाजार में चिंता का माहौल बन गया है.

महुआ मोइत्रा के बयान केवल एक कॉर्पोरेट मुद्दे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने इसको एक राजनीतिक विवाद में बदल दिया है. महुआ के सवालों और तंज के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा का विषय बन गया है. महुआ ने भाजपा और अडानी समूह की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए यह पूछा कि क्या वे प्रधानमंत्री मोदी से ट्रंप से मदद लेने की उम्मीद कर रहे हैं. यह बयान न केवल अडानी समूह के वित्तीय संकट को उजागर करता है, बल्कि राजनीतिक तनाव को भी बढ़ावा देता है.

अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी आरोपों के बाद यह विवाद अब राजनीति और कॉर्पोरेट दोनों ही क्षेत्रों में सुर्खियों में है. महुआ मोइत्रा के तीखे बयान और अडानी समूह की ओर से आए कदम इस बात का संकेत हैं कि यह मामला आगे और बढ़ सकता है. हालांकि, अभी यह कहना मुश्किल है कि अडानी समूह इस संकट से कैसे उबर पाएगा और भारतीय राजनीतिक नेतृत्व इस विवाद को किस दिशा में ले जाएगा.