
Delhi Politics: दिल्ली की राजनीति में इन दिनों आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल गायब से नजर आ रहे हैं. विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से वह सार्वजनिक रूप से बहुत कम दिखे हैं. बीते कई दिनों से न तो उनकी कोई प्रतिक्रिया आई है और न ही उन्होंने सोशल मीडिया पर कोई खास राजनीतिक पोस्ट की है. दिल्ली विधानसभा में AAP के 21 विधायकों के निलंबन पर भी केजरीवाल ने कोई टिप्पणी नहीं की है. वहीं, उनकी करीबी सहयोगी आतिशी अकेले मोर्चा संभालती दिख रही हैं.
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि कभी-कभी घर पर रहकर हालात पर विचार करना और समस्याओं का समाधान ढूंढना उपयोगी होता है. शायद यही काम आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं.
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AAP में सब अपनी राह पर
केजरीवाल ने हाल ही में सिर्फ एक बार सोशल मीडिया पर बयान दिया, जब दिल्ली विधानसभा में बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर हटाने का मुद्दा उठा. उन्होंने इसे गलत बताया, लेकिन यह मुद्दा ज्यादा तूल नहीं पकड़ पाया. दिल्ली की राजनीति में जहां आतिशी और गोपाल राय सक्रिय दिख रहे हैं, वहीं पार्टी के अन्य बड़े नेता अलग-अलग कामों में व्यस्त नजर आ रहे हैं.
संजय सिंह हरियाणा नगर निगम चुनाव में लगे हैं, जबकि सौरभ भारद्वाज सोशल मीडिया पर ही सक्रिय हैं. लेकिन मनीष सिसोदिया भी ज्यादा नजर नहीं आ रहे.
CAG रिपोर्ट से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
इस बीच दिल्ली विधानसभा में CAG की 14 रिपोर्ट पेश की गई हैं, जो केजरीवाल सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रही हैं. इन रिपोर्ट्स में मुख्यमंत्री के बंगले के नवीनीकरण पर खर्च, आबकारी नीति, मोहल्ला क्लीनिक, परिवहन और वायु प्रदूषण पर किए गए कामों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन रिपोर्ट्स के चलते केजरीवाल की कानूनी और राजनीतिक मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पहले ही शराब नीति मामले में पांच महीने जेल में बिता चुके केजरीवाल के लिए आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं.
एजेंसी इनपुट के साथ...