आयोग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार ममता की पार्टी तृणमूल ने ग्राम पंचायत की 2,467 सीटें जीती और 2,683 सीटों पर वह आगे चल रही है.साथ ही बीजेपी ने 386 सीटें और माकपा ने 94 सीटें जीती.
बता दें कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने ग्राम पंचायत की 4600 सीटों पर बढ़त बना ली है जबकि भाजपा 350 सीटों और माकपा 281 सीटों पर आगे है.
खबरों के अनुसार हादिया में तृणमूल कांग्रेस ने ग्राम पंचायत की सभी सीटें जीत ली हैं, जबकि पश्चिमी मिदनापुर में 34 और केशपुर में 15 सीटें पार्टी ने जीत ली हैं. वहीं दूसरी उलबरिया में बीजेपी लीड कर रही है.
West Bengal: Inside visuals from a counting centre in North 24 Parganas, as counting of votes for #PanchayatElection is underway pic.twitter.com/SIGOXze5ET— ANI (@ANI) May 17, 2018
West Bengal: Counting of votes for #PanchayatElection has started in Cooch Behar, Alipurduar, North Dinajpur, South Dinajpur, Jalpaiguri and Malda districts of North Bengal— ANI (@ANI) May 17, 2018
Counting of votes for West Bengal #PanchayatElection delayed at a counting centre in North 24 Parganas pic.twitter.com/rVDIYJbNp0— ANI (@ANI) May 17, 2018
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल ग्राम पंचायत चुनाव 2018 की वोटिंग 14 मई को हुई थी. साथ ही नतीजे आज आएंगे. ज्ञात हो कि पंचायत चुनाव के दौरान जगह-जगह हिंसा जैसी घटनाएं हुई थी. जिसके बाद सुरक्षा दावों की पोल खुल गयी थी. बावजूद इसके राज्य में 73 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. राज्य के पंचायत चुनाव में पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किये गए थे. इसी के चलते पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों से 60000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था. फिर भी राज्य के कई जिलों में हिंसक घटनाएं हुई थी. इस हिंसा के दौरान मुख्य रूप से वोटिंग केंद्र निशाने पर थे.जहां जमकर बवाल मचाया गया था.
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट की खबरें सामने आयी थी. साथ ही कई मतदान केंद्रों के नजदीक देसी बम भी फेंके गये. इन घटनाओं के बाद विपक्षी पूरी तरह आक्रामक हो गया था और सभी दलों ने ममता सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया था.
बता दें कि पश्चिम बंगाल के 58,000 से ज्यादा बूथ पर पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी. इसके साथ ही जलपाई गुडी में बैलेट बॉक्स को आग लगा दी गयी थी. ऐसे में सभी की निगाहें आज आनेवाले नतीजों पर टिकी हुई है. वही सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है