कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने चुनाव आयोग (Election Commission) को शनिवार को पत्र लिख कर कोलकाता और बिधान नगर पुलिस आयुक्तों समेत चार आईपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण के खिलाफ विरोध जताया. उन्होंने पत्र में कहा कि चुनाव आयोग का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण, अत्यंत मनमाना, प्रेरित और पक्षपातपूर्ण है तथा बीजेपी के इशारे पर लिया गया है. इस पत्र का मजमून पीटीआई-भाषा को भी उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने चुनाव आयोग से अपने निर्णय की समीक्षा करने और जांच शुरू करने को कहा ताकि यह पता चल सके कि कैसे और किसके निर्देश के तहत स्थानांतरण का निर्णय लिया गया.
बनर्जी ने अपने पत्र में कहा है कि मैं बहुत मजबूती से मानती हूं कि भारत में लोकतंत्र बचाने में चुनाव आयोग की निष्पक्ष भूमिका है, लेकिन यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे आज यह पत्र लिखकर चुनाव आयोग की तरफ से जारी पांच अप्रैल 2019 के स्थानांतरण आदेश के खिलाफ विरोध जाहिर करना पड़ रहा है जिसके जरिए चार वरिष्ठ अधिकारियों को उनके मौजूदा पदों से हटाया गया.
पत्र में कहा गया है कि आयोग का फैसला बेहद मनमाना, प्रेरित एवं पक्षपातपूर्ण है. हमारे पास यह यकीन करने के सारे कारण हैं कि आयोग का फैसला केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी जो कि भाजपा है, के इशारे पर लिया गया. चुनाव आयोग ने शुक्रवार की रात राज्य में पुलिस व्यवस्था में बड़े फेरबदल करते हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा और बिधाननगर पुलिस आयुक्त ग्यानवंत सिंह को हटा दिया था. यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: जुबानी जंग में प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी को कहा 'स्पीड ब्रेकर', ममता ने मोदी को बताया 'एक्सपायरी बाबू'
आयोग ने ए रवींद्रनाथ को बीरभूम जबकि श्रीहरि पांडे को डायमंड हार्बर का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया है. ममता ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एक बीजेपी प्रत्याशी द्वारा टीवी कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने को लेकर दिए गए बयान के बाद आयोग ने ये तबादले किए गए हैं.