नई दिल्ली: बजट सत्र के दौरान नाटकीय ढंग से राज्यसभा के पटल पर इस्तीफे की घोषणा करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले वरिष्ठ नेता त्रिवेदी का बीजेपी में जाना सत्तारूढ़ टीएमसी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. पश्चिम बंगाल के प्रभारी चुनाव उपायुक्त पर पूरा भरोसा: निर्वाचन आयोग
बीते 12 फरवरी को राज्यसभा में टीएमसी सांसद के पद से इस्तीफा देने वाले दिनेश त्रिवेदी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा “जब मैं दिनेश त्रिवेदी की बात करता था तो मैं हमेशा कहता था कि वो एक अच्छे व्यक्ति गलत पार्टी में हैं और ये वो भी महसूस करते थे. अब सही व्यक्ति सही पार्टी में है, जहां हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनका उपयोग देश की सेवा में कर सकेंगे.”
Delhi: Dinesh Trivedi, who had resigned as TMC MP in Rajya Sabha on February 12th, joins BJP in the presence of the party's national president JP Nadda. Union Minister Piyush Goyal also present. pic.twitter.com/wCHlDbrcAz
— ANI (@ANI) March 6, 2021
बीजेपी में शामिल होने के बाद दिनेश त्रिवेदी ने कहा “पश्चिम बंगाल की जनता ने तृणमूल कांग्रेस को नकार दिया है. बंगाल की जनता तरक्की चाहती है वो हिंसा और भ्रष्टाचार नहीं चाहती. राजनीति कोई 'खेला' नहीं होता, ये एक गंभीर चीज है. खेलते-खेलते वो (ममता बनर्जी) आदर्श भूल गई हैं.”
सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली की राजनीति के बीच का दिनेश त्रिवेदी कभी इंटरफेस थे, और उन्हें मुख्यमंत्री का बहुत करीबी माना जाता था. त्रिवेदी ने बीजेपी और एनडीए के साथ और यूपीए के साथ भी बनर्जी के सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हालांकि, पिछले कुछ वर्षो में, स्थानीय तृणमूल नेतृत्व को पार्टी में प्रमुखता मिली और त्रिवेदी, जिन्हें कभी बनर्जी का दाहिना हाथ माना जाता था, को धीरे-धीरे पार्टी के प्रमुख निर्णय लेने की प्रक्रिया से हटा दिया गया.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद दिनेश त्रिवेदी ने अपने इस्तीफे के ऐलान के समय कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल में 'घुटन' और 'असहाय' महसूस कर रहे है. त्रिवेदी ने कहा, "मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मेरे राज्य में हिंसा हो रही है. मैं अपनी पार्टी का आभारी हूं कि उसने मुझे यहां भेजा. मुझे घुटन महसूस हो रही है, क्योंकि हम राज्य में हिंसा के बारे में कुछ नहीं कर पा रहे हैं." उन्होंने आगे कहा कहा, "मैं बंगाल के लोगों की सेवा करना जारी रखूंगा, लेकिन मेरी आत्मा मुझसे कहती है कि अगर आप यहां बैठकर कुछ नहीं कर सकते, तो इस्तीफा दे दें."