नयी दिल्ली, पांच मार्च तृणमूल कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज करते हुए कि पश्चिम बंगाल के प्रभारी चुनाव उपायुक्त पूर्वाग्रही हैं, भारतीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि वरिष्ठ अधिकारी की ‘‘ईमानदारी और निष्पक्षता पर उसे पूरा विश्वास है।’’
पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को सुदीप जैन को हटाने की मांग करते हुए आरोप लगाए कि वह इसके प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और संघीय ढांचे के मानकों को तोड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि इसके सभी चुनाव उपायुक्त एवं आयोग के मुख्यालय में पदस्थापित अन्य अधिकारी या क्षेत्र में काम कर रहे अधिकारी ‘‘भारत के संविधान के मुताबिक और चुनाव कराने के लिए तय नियमों के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।’’
इसने कहा, ‘‘छिटपुट अपवाद हो सकते हैं जिनमें चुनाव आयोग तुरंत सुधारात्मक कदम उठाता है।’’
बयान में वर्तमान मामले में कहा गया, ‘‘आयोग को चुनाव उपायुक्त सुदीप जैन की ईमानदारी और निष्पक्षता पर पूरा भरोसा है।’’
इसने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ चुनाव प्रक्रिया के दौरान या चुनाव से ठीक पहले समन्वित अभियान चलाया जा रहा है।’’
2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल के लिए चुनाव प्रभारी के तौर पर चुनाव उपायुक्त के दो निर्णयों पर टीएमसी के आरोपों का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि दोनों निर्णय आयोग ने ‘‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव आयोजित कराने के लिए’’ किए थे।
चुनाव आयोग ने कहा कि ये निर्णय जिला निर्वाचन मशीनरी ने चुनाव उपायुक्त, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, नोडल पुलिस अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ लागू किए थे।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता सौगत राय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पार्टी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर जैन को हटाने की मांग की है क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के प्रति पूर्वाग्रह रखने का उनका ‘‘ट्रैक रिकॉर्ड’’ रहा है।
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