उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) तथा बलात्कार के अपराध के पीड़ितों को अंतरिम राहत मुहैया कराने का फैसला किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह (Sidharth Nath Singh) ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया, ‘‘मंत्रिमंडल ने बलात्कार और मॉब लिंचिंग के ऐसे मामले जिनमें जांच लंबित है, उनके पीड़ितों को अंतरिम राहत उपलब्ध कराने का फैसला किया है.’’ उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सम्बन्धित श्रेणी में दी जाने वाली राहत की राशि के अधिकतम 25% हिस्से को अंतरिम क्षतिपूर्ति के तौर पर दिया जाएगा.
सिंह ने बताया कि अभी तक बलात्कार और मॉब लिंचिंग के मामलों में फौरी मदद के बजाय जांच के बाद ही पीड़ितों को मदद दी जाती थी. मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को कितनी मदद दी जाएगी, इस सवाल पर सिंह ने कहा कि ऐसी हिंसा के कई प्रकार हैं और मामले की किस्म के आधार पर मुआवजा तय किया जाएगा. यह भी पढ़ें- रामदास अठावले ने कहा- मॉब लिंचिंग रोकने के लिए कानून की जरूरत.
Sidharth Nath Singh, state minister: Cabinet has made a provision to compensate the family members&victims of mob violence like mob lynching, acid attack or rape incidents. 25 percent of interim compensation will be given through the District Magistrate after preliminary inquiry. pic.twitter.com/DqMMvUdyFr
— ANI UP (@ANINewsUP) September 10, 2019
उच्चतम न्यायालय ने अपने एक आदेश में राज्य सरकारों से मॉब लिंचिंग के मामलों में विभिन्न परिस्थितियों में घटना के 30 दिनों के अंदर पीड़ित या उसके परिजन को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया था. सिंह ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ऋतिक रोशन अभिनीत फिल्म ‘सुपर-30’ को राज्य जीएसटी में राहत देने का भी निर्णय लिया है.