अमरेकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भारत दौरे पर आने वाले है जिसे लेकर सियासी घमासान शुरु हो गया है. कभी सत्ता में बीजेपी (BJP) की सहयोगी रही शिवसेना इस मुद्दे पर लगातार बीजेपी पर हमला कर रही है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) के माध्यम से केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है कि प्रेसिडेंट ट्रंप के स्वागत में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. वे देश के मेहमान हैं. लेकिन सवाल उठता है कि उन्हें दिल्ली के बजाय पहले अहमदाबाद (Ahmedabad) में लेकर आना सरकार की मंशा को जाहिर करती है. इसके साथ गरीबों की बस्ती के आगे दीवार खड़ा करने के पीछे क्या सोच है.
सामना ने अपने लिखा है कि केम छो ट्रंप? गरीबी छुपाव. इसके साथ कहा कि ट्रंप के स्वागत में सरकार मग्न है. ट्रंप क्या खाते हैं. क्या पियेंगे, उनकी टेबल, कुर्सी, पलंग, सौचालय, छत की झूमर तक पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ऐसा उस वक्त हुआ करता था जब गुलाम भारत में इंग्लैड की महारानी और महराजा आया करते थे. डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत के लिए हिंदुस्तान में या दिल्ली में कितनी उत्सुकता है यह पता नहीं. लेकिन मोदी-शाह के गुजरात में इसका उफान नजर आ रहा है. यह भी पढ़ें:- 'केम छो ट्रंप' नहीं अब 'नमस्ते प्रेसिडेंट ट्रंप' से होगा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 24 फरवरी को होने वाली अहमदाबाद यात्रा से पहले विपक्ष केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए शनिवार को कहा था कि आज के युग में दीवार बनने से क्या वास्तविकता छिप जाती है. वहीं बीजेपी भी अपने बचाव में उतर आ गई है. विपक्ष के सभी आरोपों का जवाब दे रही है.
गौरतलब हो कि डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी अमेरिकी प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप की भारत यात्रा के लिए अहमदाबाद शहर में तैयारियां पूरी जोरो-शोरों से चल रही हैं. इस दौरान अहमदाबाद के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में बसे मोटेरा में ट्रंप की यात्रा का नाम 'केम छो ट्रंप' रखा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक, रक्षा सौदों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है.