मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. उनके बयान पर शिवसेना के नेताओं ने पुणे (Pune), महाड (Mahad) और नासिक (Nashik) में मामला दर्ज करवाया है. बीजेपी नेता के बयान को गंभीर बताते हुए नासिक पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश जारी कर दिया है. जिसके बाद नासिक पुलिस की एक टीम राणे को गिरफ्तार करने के लिए रवाना हो चुकी है. Mumbai: बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा में कोविड-19 नियमों का उल्लंघन
सोमवार को नारायण राणे ने स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा दिए गए भाषण की आलोचना करते हुए कहा "क्या वह दिन नहीं है? देश को आजादी मिले कितने साल बीत चुके हैं.. डायमंड फेस्टिवल क्या है? मैं होता तो कान के नीचे लगाता”. इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस में विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर भी मौजूद थे. 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था. लेकिन स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यह बात भूल गए थे और उन्होंने इसे डायमंड फेस्टिवल (हिरक महोत्सव) कह दिया था.
नारायण राणे इस समय कोंकण क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा कर रहे है. उनकी यात्रा आज से चिपलून (Chiplun) में शुरू होगी और वहीं से उनकी गिरफ्तारी की संभावना है. बता दें कि मुंबई पुलिस ने भी बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के खिलाफ कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए अब तक कुल 36 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बीजेपी नेता प्रवीण दारेकर और पार्टी के अन्य बड़े नेता इन रैलियों में शामिल हुए थे.
नारायण राणे के खिलाफ पुणे शहर के चतुरशृंगी थाने (Chaturshringi Police Station) में भी प्राथमिकी दर्ज-
Maharashtra: FIR registered against Union Minister Narayan Rane at Chaturshringi Police Station of Pune city, following a complaint by Yuva Sena, for using objectionable language against CM Uddhav Thackeray. FIR registered u/s 153 and 505 of IPC.
(File photos) pic.twitter.com/WVA6n4qSeW
— ANI (@ANI) August 24, 2021
उल्लेखनीय है कि अपने राजनीतिक जीवन का बड़ा हिस्सा शिवसेना के नेता के रूप में बिताने वाले नारायण राणे ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने और केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर तय करने से पहले दो राजनीतिक दल छोड़े और कुछ समय के लिए अपनी अलग पार्टी का गठन किया. 69 वर्षीय राणे ने शिवसेना के शाखा प्रमुख के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था और वह 1999 में महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी की गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बने. अपनी राय बेबाक होकर रखने के लिए जाने जाने वाले मराठा नेता का तटीय कोंकण क्षेत्र में खासा प्रभाव है.
शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने 1999 के विधानसभा चुनावों से पहले मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला किया था और राणे को इस पद के लिए चुना था. राणे ने आरोप लगाया था कि शिवसेना में टिकट और पद बेचे जा रहे हैं, जिसके बाद ठाकरे ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन्हें जुलाई 2005 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था. राणे अगस्त 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए और उन्होंने सितंबर 2017 में कांग्रेस छोड़ दी.
राणे ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अक्टूबर 2017 में ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष’ की स्थापना की. उन्होंने 2018 में बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा की और वह उस पार्टी के नामांकन पर राज्यसभा के लिए चुने गए. उन्होंने अक्टूबर 2019 में अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया.