बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) की तारीखों की घोषणा के बाद टिकट की आस लगाए बैठी एक उम्मीदवार के समर्थकों और पार्टी के कुछ पदाधिकारियों के बीच हाथापाई हो गई. यह स्थिति तब बनी जब टिकट पाने की इच्छुक उम्मीदवार के 50 से अधिक समर्थकों ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) के वाहन को बीजेपी के पटना कार्यालय में जाने से रोकते हुए लखीसराय निर्वाचन क्षेत्र के लिए मौजूदा विधायक विजय सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) की उम्मीदवारी को रद्द करने की मांग की. समर्थक इस सीट से कुसुम देवी को टिकट दिए जाने की मांग कर रहे थे.
प्रदर्शनकारियों ने उप मुख्यमंत्री के वाहन को लगभग 10 मिनट तक रोके रखा तब पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें रास्ते से हटाने की कोशिश की. इसके बाद बहस हुई और फिर बात हाथापाई तक पहुंच गई. प्रदर्शनकारियों में से एक मनीष कुमार ने आरोप लगाया, "विधायक पिछले 15 वर्षों से लखीसराय से चुने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने लोक कल्याण का कोई काम नहीं किया. मेरी नेता कुसुम देवी पिछले 25 वर्षों से भाजपा से जुड़ी हैं और उनसे बेहतर उम्मीदवार हैं. वह समाज के सभी वर्गों में बेहद लोकप्रिय भी हैं." बाद में प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर वहां से हटाया गया. यह भी पढ़े: Bihar Assembly Elections 2020: बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नाम के चयन की कवायद हुई तेज
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा, "उम्मीदवारों के समर्थक चुनाव में उनके समर्थन में आवाज बुलंद करते हैं. लेकिन हमने उम्मीदवारों के चयन के लिए प्रक्रिया निर्धारित की है. यदि वह पात्र हैं तो चयन समिति निश्चित रूप से उन पर विचार करेगी." बता दें कि कुछ समय पहले ही भाजपा समर्थकों का नाम कथित तौर पर जन अधिकार पार्टी के कार्यकतार्ओं के साथ मारपीट करने में सामने आया था, इस घटना में तीन लोग घायल हो गए थे.