नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग से कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (Electronic Voting Machine) में खराबी की रिपोर्ट करने को अपराध माने जाने वाले प्रावधान को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर जवाब दें. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग से दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा.
शीर्ष अदालत वकील सुनील अहिया की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ईवीएम की खराबी से संबंधित शिकायत दर्ज करने की स्वतंत्रता मांगी गई है. अहिया ने कहा कि 14 अगस्त, 2013 को एक नया नियम 49एमए जोड़ने के लिए चुनाव नियमावली में संशोधन किया गया था, ताकि ईवीएम से जुड़ी शिकायत के मामले में प्रक्रिया का पालन किया जा सके.
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अहिया ने अदालत को बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 177 के साथ चुनाव आचार संहिता के नियम 49एमए में ईवीएम और वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की खराबी की रिपोर्टिग को अपराध माना गया है, जो सही नहीं है.
चुनाव नियमों के नियम 49एमए के अनुसार, यदि शिकायत झूठी साबित होती है, तो शिकायतकर्ता को छह महीने तक जेल या जुर्माने की सजा को सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रावधान एक मतदाता को आगे आने और शिकायत करने से रोक सकता है. इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर शक भी पैदा हो सकता है.