नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर (Senior Congress leader Shashi Tharoor) की उस यचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर (Sunanda Pushkar) की 2014 में मौत से पहले के कुछ ट्वीट पेश करने की अनुमति मांगी थी. पुष्कर की मौत मामले में थरूर एकमात्र आरोपी हैं. उन्होंने अदालत से कहा कि दिल्ली पुलिस पुष्कर के कुछ चुनिंदा ट्वीट को पेश कर इस बात पर भरोसा दिलाने का प्रयास कर रही है कि मतभेद थे जिसके कारण उसने कथिततौर पर आत्महत्या की. जबकि समग्रता में वे पुष्कर के सकारात्मक रुख और थरूर के साथ उनक संबंधों को ले कर उनका आशावादी होना दिखाते हैं.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री को इस मामले में अग्रिम जमानत मिल गई थी और बाद में इसे नियमित जमानत में परिवर्तित कर दिया गया था. दिल्ली पुलिस ने उन पर धारा 498ए (पति अथवा पति के रिश्तेदार द्वारा महिला के प्रति क्रूरता) और धारा 306(आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया है. यह भी पढ़े-शशि थरूर का अदालत से आग्रह: पुलिस को सुनंदा पुष्कर के ट्वीट पेश करने का निर्देश दिया जाए
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने याचिका का खारिज करते हुए कहा कि अदालत आरोप (तय करने) के चरण में इस प्रकार की जांच की उम्मीद नहीं करती.’अदालत ने कहा कि थरूर को उचित समय में ट्वीट पेश करने की आजादी होगी.