महाराष्ट्र (Maharashtra) में चले सियासी संघर्ष के बाद राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बन गई है. महाराष्ट्र की राजनीति में चुनाव परिणाम वाले दिन से ही हलचल तेज रही, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल तब आया जब एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के साथ डिप्टी सीएम की शपथ ले ली. इससे पहले शिवसेना और कांग्रेस के साथ सरकार गठन की चर्चाओं के बीच शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. तब चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया कि शरद पवार और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की मुलाकात में गठबंधन पर मुहर लगी. लोगों को लगा कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने का प्लान शरद पवार का ही है. अब इस पूरे मामले पर शरद पवार ने एबीपी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में बात की.
एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन मैंने उनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया. पवार ने कहा कि उन्होंने साफ कर दिया था कि उनके लिए प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है. पवार ने बताया, मैंने उनसे कहा कि हमारे निजी संबंध बहुत अच्छे हैं और वे हमेशा रहेंगे लेकिन मेरे लिए साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है.
नहीं मिला था राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव
राष्ट्रपति बनाए जाने को लेकर उन्होंने कहा, कि यह खबर बेबुनियाद है. पवार ने ऐसी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि, मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव नहीं दिया. हालांकि मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया सुले को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था. बता दें कि सुप्रिया सुले, पवार की बेटी हैं और पुणे जिला में बारामती से लोकसभा सदस्य हैं.
अजित का फैसला निजी था
अजित पवार के बारे में बात करते हुए एनसीपी चीफ ने कहा, जब मुझे पता चला कि अजित पवार, बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं तो सबसे पहले मैंने उद्धव ठाकरे से सम्पर्क किया. मैंने उद्धव ठाकरे को भरोसा दिलाया कि मैं अजित की बगावत को कुचल दूंगा. एनसीपी के विधायकों को जब पता चला कि अजित पवार के फैसले के पीछे मैं नहीं हूं. वह अजित का अपना फैसला है तो वे विधायक मेरे साथ आ गए.
पवार ने कहा कि 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे के साथ अजित पवार को शपथ नहीं दिलाने का फैसला भी सोच समझकर लिया गया. अजित पवार डिप्टी सीएम बनेंगे या नहीं इसपर फैसला नहीं लिया गया है. शरद पवार ने यह भी बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए तैयार नहीं थी. लेकिन उन्हें बाद में मना लिया गया. हमने बीजेपी के खिलाफ एक जुट सरकार बनाई.