भोपाल: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के सातवें और अंतिम चरण के लिये प्रचार जोरों पर है. सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए पूरे दमखम के साथ जुटे है. इसी लिस्ट में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर (Sagar) निर्वाचन क्षेत्र का भी नाम आता है. जहां चुनावी पारा खूब चढ़ा हुआ है. सागर लोकसभा सीट के पुराने चुनावी इतिहास पर नजर डाले तो यहां बीजेपी और कांग्रेस में मुख्य मुकबला है. सागर संसदीय क्षेत्र पर पिछले 6 चुनावों से बीजेपी का ही कब्जा रहा है.
बीजेपी ने सागर लोकसभा क्षेत्र के मौजूदा सांसद लक्ष्मीनारायण यादव का टिकट काटकर नगर निगम अध्यक्ष राजबहादुर सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. उधर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के प्रभु सिंह इसके पूर्व बीना विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं.
सागर में पहला चुनाव साल 1951 में हुआ था. इस संसदीय क्षेत्र में 22.35 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 5.51 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत 1991 में मिली थी.
सागर का 2014 में हाल-
लक्ष्मी नारायण यादव (बीजेपी)- 4 लाख 82 हजार 580 वोट
गोविंद सिंह राजपूत (कांग्रेस)- 3 लाख 61 हजार 843 वोट
गौरतलब हो कि मध्यप्रदेश में बीजेपी के लिए इस बार जीत की राह साल 2014 जितनी आसान नहीं है. लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी के लिए मध्य प्रदेश में अपनी सभी 27 सीटों को बचाना बड़ी चुनौती साबित होगी. क्योंकि नवंबर 2018 में प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता पर 15 साल से काबिज बीजेपी को पटकनी देकर सरकार बनाई. निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए आंकड़े बताते हैं कि इस चुनाव में 12 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को बीजेपी प्रत्याशियों से अधिक मत मिले थे. वहीं पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी को 41.08 प्रतिशत तो वहीं कांग्रेस को 40.13 फीसदी वोट मिले. जबकि बीएसपी को 13.64 फीसदी के पक्ष में वोटिंग हुई.