नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) पर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच अब राष्ट्रीय स्वसयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) ने मोर्चा संभाल लिया है. संघ इस संदर्भ में अब भाजपा नेताओं को नया होमवर्क दे रहा है. संघ ने इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश की है. आरएसएस ने शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की एक बैठक मेरठ के संघ कार्यालय में बुलाई थी.
बैठक में पश्चिम उत्तर प्रदेश से संघ के कई पदाधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में फैसला हुआ कि अल्पसंख्यक समाज में नागरिकता कानून के बारे में फैले भ्रम और भय को दूर किया जाए. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए पूरे उत्तर प्रदेश में छह रैलियां आयोजित करने का निर्णय लिया गया. बैठक में यह भी तय हुआ कि सभी सांसद और मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में पदयात्रा निकालेंगे, जो एक जनवरी से 15 जनवरी के बीच होगी.
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सूत्रों ने बताया है कि बैठक में केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह, संजीव बालियान, प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों के अलावा प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल मौजूद थे. संघ की प्रांतीय और विभागीय टीम के अलावा सभी आनुषांगिक संगठनों के लोग भी बैठक में शामिल हुए. बैठक दो सत्रों में आयोजित हुई.
बैठक में एक पत्रक सभी सदस्यों के बीच साझा किया गया, जिसमें एनआरसी और नागरिकता कानून के बीच का अंतर बताया गया है. सूत्र ने बताया कि इस पुस्तिका को प्रदेश भर में अल्पसंख्यक लोगों के बीच बांटा जाएगा. उल्लेखनीय है कि सीएए के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. देश के कई हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में कई लोगों की जान जा चुकी है.