रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने देश की सुस्त अर्थव्यवस्था में रफ्तार लाने के लिए अपने रिजर्व से एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. केंद्रीय बैंक अपने डिविडेंड और सरप्लस फंड से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करेगा. इस फंड का इस्तेमाल सरकार इकॉनमी में सुधार लाने के लिए कर सकती है. आरबीआई के 84 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है. गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आरबीआई बोर्ड ने सोमवार को 1,76,051 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को देने की मंजूरी दी है. आरबीआई इस रकम का बड़ा हिस्सा यानी 1.23 लाख करोड़ रुपये सरप्लस फंड से और बाकि 52,637 करोड़ रुपये सरप्लस रिजर्व से ट्रांसफर करेगा.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस फैसले के बाद से विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट करते हुए सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इसको लेकर बेखबर हैं कि उनके खुद के द्वारा पैदा की गई आर्थिक त्रासदी को कैसे दूर किया जाए.' राहुल ने लिखा आरबीआई से चुराने से काम नहीं चलने वाला है. यह किसी दवाखाने से बैंड-एड चुराकर, गोली लगने से हुए घाव पर लगाने जैसा है.
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राहुल गांधी ने किया सरकार पर हमला-
PM & FM are clueless about how to solve their self created economic disaster.
Stealing from RBI won’t work - it’s like stealing a Band-Aid from the dispensary & sticking it on a gunshot wound. #RBILooted https://t.co/P7vEzWvTY3
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 27, 2019
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि क्या यह महज संयोग है कि आरबीआई से 1.76 लाख करोड़ की उधारी बजट गणना में मिसिंग आंकड़े को पूरा करने के लिए लिया गया है. क्या यह वित्तीय समझदारी है या फिर वित्तीय आत्महत्या है? सुरजेवाला ने सवाल किया, "क्या इस पैसे का इस्तेमाल बीजेपी अपने पूंजीपति मित्रों (क्रोनी फ्रेंड्स) को बचाने के लिए करेगी?"
कहां से आता है यह पैसा?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में आरबीआई की कुल संपत्ति 36.2 लाख करोड़ रुपए थी. रिजर्व मोटे तौर पर उसकी कुल संपत्ति का 26 फीसदी होता है. रिजर्व में मुख्यत: दो प्रकार की संपत्तियां आती हैं. ये हैं : करेंसी एंड गोल्ड रिवैल्यूएशन अकाउंट (सीजीआरए) और कंटिंजेंसी फंड (सीएफ). RBI के सभी रिजर्व एक जैसे नहीं हैं. इस समय दो तरह के रिजर्व के बारे में बात करना उचित होगा- मुद्रा और गोल्ड रीवैल्यूएशन अकाउंट(CGRA). साल 2017-18 में यह 6.9 लाख करोड़ रुपये था. यह रिजर्व RBI के विदेशी मुद्रा और गोल्ड रिजर्व की वैल्यू बताता है.