भोपाल: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राम मंदिर को लेकर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं का सिर्फ एक ही एजेंडा है, मंदिर नहीं बनने देंगे और शाखा नहीं चलने देंगे. डॉ. पात्रा ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और उसके नेता आतंकियों को तो सम्मान देते हैं, लेकिन राष्ट्रवादी संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ जहर उगलते हैं. कांग्रेस और उसके नेताओं का बस यही एजेंडा है कि 'मंदिर नहीं बनने देंगे, शाखा नहीं चलने देंगे'. इसीलिए कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में सरकारी कर्मचारियों के संघ की शाखाओं में जाने पर रोक लगाने की बात कही है.
पात्रा ने आगे कहा कि कांग्रेस और उसके नेता सिमी जैसे आतंकी संगठनों को खतरा नहीं मानते, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रवादी, सेवाभावी संगठनों से खतरा महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने विदेश दौरे में आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे आतंकवादी संगठन से की थी, जिसकी पूरे देश में निदा हुई थी. वहीं, कांग्रेस के ही नेता दिग्विजय सिह 26-11 के हमले पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देते हैं, जाकिर नाइक जैसे लोगों से गले मिलते हैं, दुर्दात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर मातम मनाते हैं और उसे 'ओसामा जी' कहकर सम्मान देते हैं, लेकिन संघ जैसे संगठन को हमेशा कोसते रहते हैं.
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पात्रा ने आगे कहा कि कांग्रेस अयोध्या में मंदिर निर्माण के काम में भी रोड़े अटका रही है. सोनिया गांधी जहां राम को काल्पनिक किरदार बताती हैं, वहीं पार्टी के नेता और वकील कपिल सिब्बल इस मामले की सुनवाई टालने की बात करते हैं.
कांग्रेस के वचनपत्र में संघ की सरकारी परिसर में शाखाएं लगने और सरकारी कर्मचारियों के हिस्सा न लेने देने की बात कहे जाने पर पात्रा ने कहा कि संघ एक सेवाभावी, सामाजिक संगठन है. केरल की बाढ़ के दौरान संघ के स्वयंसेवकों ने बिना किसी भेदभाव के पीड़ितों की जो सेवा की है, वो किसी से छिपी नहीं है. इसके अलावा संघ के आनुषांगिक संगठन भी सेवा और सृजनात्मक कार्यो में लगे हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने वोट बैंक को साधने के लिए संघ को राजनीतिक संगठन बताकर उसकी बुराई करती है, जबकि पूर्व में न्यायालय द्वारा संघ को सामाजिक संगठन घोषित किया जा चुका है. ऐसे में कांग्रेस को अपनी इस गलती के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.