मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के 'वचन पत्र' ने सियासी माहौल को गरमा दिया है. इस सियासी गरमाहट की वहज दरअसल कांग्रेस का वो वादा है जिमसें कहा कि अगर सत्ता में आई तो सरकारी दफ्तरों पर RSS की शाखा पर रोक लगा देगी. जिसके बाद बीजेपी कांग्रेस पर बिफर गई है. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस यही एजेंडा रहा है- न तो मंदिर बनने देंगे और शाखा नहीं चलने देंगे."
वहीं इस मामले पर बीजेपी सांसद आलोक संजर ने भी कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आरएसएस की शाखाएं शासकीय भवनों में नहीं बल्कि मैदानों और निजी जगहों पर लगती है. उन्होंने कहा कि देश के भीतर जब कभी कोई आपदा आती है तो लोगों की मदद के लिए सबसे पहले आरएसएस के स्वयंसेवक उस जगह पर पहुंचते हैं. जहां निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं.
Looks like the Congress these days has only one motto- 'Mandir nahi ban ne denge, Shakha nahi chalne denge:' Sambit Patra,BJP on #Congress in its manifesto in #MadhyaPradesh says RSS 'shakhas' would not be allowed in Government buildings pic.twitter.com/ixMU7ZHUgn
— ANI (@ANI) November 11, 2018
बता दें कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि अगर सत्ता में आई तो सरकारी परिसरों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा लगाए जाने पर प्रतिबंध लगाएगी. यही नहीं पिछले फैसले को भी वापस लेगी जिसमें सरकारी कर्मियों को आरएसएस की शाखा में जाने की इजाजत दी गई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर संघ पर निशाना साधते रहते हैं.