संसद में पास हो चुके दो किसान बिलों (Kisaan Bill 2020) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है. विपक्ष सरकार पर लगातार दबाव बना रही है कि उसे वापस लिया जाए. लेकिन केंद्र सरकार अपने फैसले को लेकर अडिग है. वहीं केंद्र सरकार पर लगातार हमला जारी है. इसी कड़ी में कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के निशाने पर एक बार से मोदी सरकार है. राहुल गांधी ने रोजगार का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर के कहा है कि किसानों के बाद मज़दूरों पर वार. गरीबों का शोषण, मित्रों का पोषण. यही है बस मोदी जी का शासन है. इससे पहले राहुल गांधी ने 2014- मोदी जी का चुनावी वादा किसानों को स्वामीनाथन कमिशन वाला MSP.
राहुल गांधी ने कहा था, 2015- मोदी सरकार ने कोर्ट में कहा कि उनसे ये न हो पाएगा. 2020- काले किसान क़ानून. मोदी जी की नीयत साफ़ है. कृषि-विरोधी नया प्रयास किसानों को करके जड़ से साफ़ और पूँजीपति मित्रों का खुब विकास. वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर कहा कि इस कठिन समय की मांग है कि किसी की नौकरी न जाए. सबकी आजीविका सुरक्षित रहे. भाजपा सरकार की प्राथमिकता देखिए भाजपा सरकार अब ऐसा कानून लाई है जिसमें कर्मचारियों को नौकरी से निकालना आसान हो गया है. वाह री सरकार, आसान कर दिया अत्याचार.
गौरतलब हो कि संसद ने तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को मंजूरी दे दी है, जिनके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी. जिसे लेकर कांग्रेस लगातार हमला कर रही है और कह रही है कि सरकार ने छंटनी की इजाजत दे दी है. जिसका विरोध जारी है.