Rahul Gandhi Attack on Center: नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये बैंक आम जनता को किफायती ऋण प्रदान करने के लिए बनाए गए थे, लेकिन अब इन्हें अमीर और ताकतवर कॉरपोरेट्स के लिए निजी वित्तीय साधन बना दिया गया है. राहुल गांधी ने अखिल भारतीय बैंकिंग अधिकारी परिसंघ के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद बैंकों की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई.
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को फायदे कमाने के दबाव में डाल दिया गया है, जिससे वे आम लोगों की सेवा करने में असमर्थ हो गए हैं.
राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप
Public Sector Banks were designed to give every Indian access to credit. The Modi government has turned these lifelines of the masses into private financiers for only the rich and powerful corporations.
I met with a delegation from the All India Banking Officers Confederation,… pic.twitter.com/oGbciXRfup
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 11, 2024
राहुल गांधी ने उठाए ये मुख्य मुद्दे
- लाभ को प्राथमिकता: बैंकों को जनता की सेवा से ज्यादा मुनाफा कमाने पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
- कर्मचारियों की कमी: बैंक कर्मचारियों को विषम परिस्थितियों में बिना पर्याप्त संसाधनों के काम करना पड़ता है.
- महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव: महिलाओं को समान अवसर और पदोन्नति नहीं मिल रही है, जिससे वे असंतुष्ट ग्राहकों का सामना करने के लिए मजबूर होती हैं.
राहुल गांधी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को "जनता की जीवनरेखा" बताते हुए कहा कि मोदी सरकार इन्हें अपने "धोखेबाज दोस्तों" को फायदा पहुंचाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने सरकार से बैंकों के इस दुरुपयोग को तुरंत रोकने की मांग की.
आम लोगों पर असर
राहुल गांधी का कहना है कि बैंकों के इस रवैये का सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है. गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को किफायती दरों पर ऋण मिलना मुश्किल हो गया है, जबकि बड़े कॉरपोरेट्स को आसानी से वित्तीय सहायता मिल रही है. राहुल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का अस्तित्व सिर्फ सरकार को लाभांश देने के लिए नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य आम जनता की सेवा करना है.