नई दिल्ली : हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के नतीजों को ‘‘भारत की विकास यात्रा जारी रखने के लिए जनादेश’’ बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने किसान, व्यापारियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिये कई अहम फैसले लेकर उन पर अमल शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत, सुरक्षित और समावेशी भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को ऐतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा,‘‘लोकसभा के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या में, 78 महिला सांसदों का चुना जाना नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है. इस लोकसभा में लगभग आधे सांसद पहली बार निर्वाचित हुए हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में देश की जनता ने बहुत ही स्पष्ट जनादेश दिया है. सरकार के पहले कार्यकाल के मूल्यांकन के बाद, देशवासियों ने दूसरी बार और भी मजबूत समर्थन दिया है. ऐसा कर देशवासियों ने वर्ष 2014 से चल रही विकास यात्रा को निर्बाध, और तेज गति से आगे बढ़ाने का जनादेश दिया है.’’
राष्ट्रपति ने लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग को बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘‘देश के 61 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और दुनिया में भारत के लोकतंत्र की साख बढ़ाई है.’ उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में भी लोगों ने लंबी कतारों में खड़े रहकर मतदान किया है. इस बार, महिलाओं ने पहले की तुलना में अधिक मतदान किया और उनकी भागीदारी पुरुषों के लगभग बराबर रही है.
कोविंद ने कहा, ‘‘करोड़ों युवाओं ने पहली बार मतदान करके भारत के भविष्य निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस चुनाव की सफलता के लिए सभी मतदाता बधाई के पात्र हैं. विश्व के सबसे बड़े चुनाव को सम्पन्न कराने के लिए चुनाव आयोग की पूरी टीम को मैं बधाई देता हूं.’’
उन्होंने चुनाव-प्रक्रिया की सफलता में प्रशासन-तंत्र के अनेक विभागों और विभिन्न संस्थानों के कर्मचारियों, तथा सुरक्षा-बलों के योगदान की भी सराहना की. अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने आधी आबादी की चर्चा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और
इस संबंध में राज्यों के सहयोग से कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने तीन तलाक प्रथा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘देश में हर बहन-बेटी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने हेतु ‘तीन तलाक’ और ‘निकाह-हलाला’ जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन जरूरी है. मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि हमारी बहनों और बेटियों के जीवन को और अधिक सम्मानजनक एवं बेहतर बनाने वाले इन सभी प्रयासों में अपना सहयोग दें.’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 21 दिनों में किसान, व्यापारियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिये कई फैसले किये और उन पर अमल शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत, सुरक्षित और समावेशी भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. कोविंद ने कहा कि जल संकट की समस्या है. जल स्रोत लुप्त हो रहे हैं. आने वाले समय में इस संकट के और अधिक गहराने की आशंका है इसलिए स्वच्छ भारत की तरह जल संरक्षण के लिये भी गंभीरता दिखानी होगी.
पानी की अहमियत का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा कि हमें अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाना ही होगा. नए जलशक्ति मंत्रालय का गठन इस दिशा में एक निर्णायक कदम है जिसके दूरगामी लाभ होंगे. सूखे के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सूखे की चपेट में आए क्षेत्रों की समस्याओं के प्रति पूर्णतया सचेत है और हर प्रभावित देशवासी के साथ खड़ी है.
राज्य सरकारों और गांव के स्तर पर सरपंचों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पीने के पानी की कम से कम दिक्कत हो और किसानों को भी मदद मिल सके.’’ राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों के लिये उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने का निर्णय किया गया है तथा उत्पादकता बढ़ाने के लिये 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा