नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने गुरुवार को केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, निर्भया मामले में दोषियों को फांसी देने में देरी केजरीवाल सरकार की लापरवाही की वजह से हुई है. न्याय में देरी के लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है. प्रकाश जावड़ेकर ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 2.5 वर्षों में दया याचिका दायर करने के लिए दोषियों को दिल्ली सरकार ने नोटिस क्यों नहीं दिया? केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल सरकार के वकील कह रहे हैं कि निर्भया के दोषियों को 22 को फांसी नहीं हो सकती. क्योंकि अभी अपील का वक्त है.' जावड़ेकर ने कहा, 'ये वक्त दिया किसने? न्याय में देरी केजरीवाल सरकार की लापरवाही की वजह से है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'इससे देश को न्याय मिलता और सबक भी मिलता. लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा देरी कारण यह नहीं हो पाया. दिल्ली सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्यों देरी की.' निर्भया के न्याय में देरी दिल्ली सरकार की वजह से हुई है. जावड़ेकर ने कहा, अगर 2017 में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एक सप्ताह में अगर उनको नोटिस दिया जाता तो आजतक सारे उनके अपील के अधिकार खत्म हो गए होते और वो पहले ही फांसी पर लटक गए होते. लेकिन दिल्ली सरकार की वजह से ऐसा नहीं हो पाया.
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केजरीवाल सरकार पर आरोप-
Union Minister Prakash Javadekar: The hanging of the convicts in 2012 Delhi gang-rape case is now delayed because of Delhi govt's negligence. AAP is responsible for the delay in justice. Why did Delhi govt not give notice to the convicts for filing mercy plea in last 2.5 years? pic.twitter.com/wpny0vcd5h
— ANI (@ANI) January 16, 2020
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "दिल्ली सरकार की वजह से लोगों को आयुष्मान भारत योजना से फायदा नहीं मिल रहा है, क्योंकि दिल्ली सरकार ने यहां लागू ही नहीं होने दिया, जावड़ेकर ने कहा, केजरीवाल पहले बोलते थे कि बंग्ला नहीं लेंगे, लेकिन एक नहीं चार-चार बंगले ले लिए, अब दिल्ली इनका चरित्र समझ चुकी है."
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार ने 5 साल तक दिल्ली के लोगों को छला है. उनको जो सपने दिखाए थे, उनसे जो वादे किए थे, उन पर वह खरा नहीं उतरे. उन्होंने आगे कहा, अन्ना हजारे को सबसे बड़ा धोखा किसी ने दिया है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिया है. अन्ना हजारे चाहते थे कि पार्टी न बनाई जाए. लेकिन फिर भी पार्टी बनाकर सत्ता में आकर भी अपने वादों पर खरे नहीं उतरे.'