शांतिनिकेतन: भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने शुक्रवार को नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर (जिन्होंने दोनों देशों के राष्ट्रगान की रचना की थी) द्वारा स्थापित विश्व-भारती विश्वविद्यालय के पेड़ पौधे से भरेपूरे परिसर में सुरक्षा और राजनीति समेत कई द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की. दोनों नेताओं के बीच हुई आधे घंटे की वार्ता से पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की उनकी समकक्ष शेख हसीना ने विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया तथा परिसर में बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ दोनों नेताओं ने परिसर में 3 घंटे से ज्यादा समय व्यतीत किया, जोकि कोलकाता से 160 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बीरभूम उपमंडल में स्थित है.
प्रधानमंत्री मोदी ने भवन के उदघाटन के मौके पर कहा कि भारत और बांग्लादेश ने पिछले कुछ सालों में अपने रिश्तों का स्वर्णिम अध्याय लिखा है.
मोदी ने कहा, "पिछले कुछ सालों में हमने भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों का स्वर्णिम अध्याय देखा है. भूमि सीमा समझौता, समुद्री सीमा विवाद का समाधान.. जटिल द्विपक्षीय मुद्दों, जो कुछ समय पहले तक असंभव माना जाता था, अब इनका समाधान हो चुका है. सड़क, रेल, जलमार्ग, तटीय नौवहन से हम कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ा रहे हैं."
उन्होंने कहा, "1965 से ही संपर्क बंद था, जिसे दोबारा खोला गया है. संपर्क के नए क्षेत्र भी विकसित किए जा रहे हैं."
वहीं, दूसरी तरफ हसीना ने मुक्ति संग्राम के दौरान भारत और यहां की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी भूमिका के लिए शुक्रिया अदा किया और कहा कि उनके पिता, बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नेता तथा स्वतंत्र बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें आश्रय प्रदान किया था.
उन्होंने 'भारतीय संसद द्वारा संबंधित विधेयक को एकमत से पारित करने के बाद' दोनों देशों द्वारा एलबीए लागू करने पर खुशी व्यक्त की और इसके लिए मोदी तथा बनर्जी का धन्यवाद किया.
वहीं, मोदी ने अपने संबोधन में कोलकाता-खुलना एसी ट्रेन सेवा का भी हवाला दिया, जिसे बंधन एक्सप्रेस नाम दिया गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश अब भारत से 600 मेगावॉट बिजली प्राप्त करता है, जिसे बढ़ाकर 1,100 मेगावॉट करने का लक्ष्य है.
उन्होंने कहा कि उत्तरपूर्वी राज्यों में इंटरनेट कनेक्शन बांग्लादेश के माध्यम से आता है. भारत ने पड़ोसी देश को विकास कार्यो के लिए आठ अरब डॉलर का लेटर ऑफ क्रेडिट मुहैया कराया है.
शेख हसीना और बांग्लादेश के लोगों की 'दिल से' प्रसंशा करते हुए मोदी ने पहले सैटेलाइट 'बंगबंधु' का हवाला दिया.
उन्होंने कहा कि भारत अब गरीबों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर रहा है. यह पड़ोसी देशों के साथ सहयोग के नए रास्ते खोल रहा है.
उन्होंने बांग्लादेश द्वारा गरीबों के जीवन को आसान बनाने के लिए सामाजिक क्षेत्र में की गई प्रगति के लिए हसीना की तारीफ की और कहा कि भारत को इससे सीखना चाहिए.