जम्मू-कश्मीर: घाटी में अतिरिक्त 10,000 जवानों की तैनाती पर बोलीं महबूबा मुफ्ती- कश्मीर में सुरक्षा बलों की नहीं है कोई कमी
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Photo Credit- Twitter)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों (Terrorists Activities) पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार (Union Government) ने कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में 10,000 अतिरिक्त जवानों को तैनात करने का आदेश जारी किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) के दो दिवसीय दौरे के लौटने के बाद 10 हजार अतिरिक्त जवानों को कश्मीर भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि कुछ कंपनियां कश्मीर पहुंच गई हैं, जबकि अन्य कंपनियां जल्द से जल्द घाटी पहुचेंगी. इस तरह से सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को कश्मीर भेजा जाएगा. बता दें कि एक कंपनी में 100 सैनिक होते हैं.

25 जुलाई को गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (Central Armed Police Forces) (सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी) के 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के लिए आदेश जारी किया है, ताकि आतंकवाद पर लगाम लग सके और राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे.

गृह मंत्रालय के इस आदेश पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा है कि घाटी में 10, 000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने के फैसले के जरिए लोगों के दिमाग में डर पैदा किया जा रहा है. कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर की समस्या राजनीतिक समस्या है जो सैन्य साधनों से हल नहीं होगी. इस आदेश पर फिर से विचार और सुधार करने की जरूरत है.

घाटी में नहीं है सुरक्षा बलों की कमी: महबूबा मुफ्ती- 

महबूबा मुफ्ती के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस और पैंथर्स पार्टी ने भी कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है. राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी इस आदेश के जरिए लोगों में डर पैदा करने का आरोप लगाया है. यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: सुरक्षा बलों को मिली बड़ी कामयाबी, शोपिंया एनकाउंटर में जैश के 2 आतंकी ढेर

गौरतलब है कि इन दिनों कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है, यहां अतिरिक्त जवानों की तैनाती को लेकर गृह मंत्रालय का कहना है कि घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती आतंकवाद के खिलाफ अभियान के साथ-साथ कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करने के लिए हुई है.