यूपी में गठबंधन पर संकट के बादल: चुनाव में खराब प्रदर्शन से नाराज मायावती ने कहा- नहीं मिले यादव वोट, अब अकेले लड़ेंगी उपचुनाव
मायावती (Photo Credits: PTI)

लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का गणित फेल होने के बाद बीएसपी में मंथन का दौर जारी है. मायावती (Mayawati) आए दिन बैठक कर रही हैं और भविष्य के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही हैं. सोमवार को मायावती ने कहा कि आम चुनाव में उन्हें गठबंधन से कोई फायदा नहीं हुआ. मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोगों ने कई जगहों पर गठबंधन के खिलाफ काम किया. मायावती ने बैठक के दौरान कहा कि शिवपाल यादव ने यादवों का वोट काटा है.

पार्टी पदाधिकारियों से मिले फीडबैक के बाद मायावती ने बैठक में कहा कि गठबंधन का वोट चुनावों में ट्रांसफर नहीं हुआ. मायावती ने कहा कि उन्हें जाटों के वोट भी नहीं मिले. सूत्रों के अनुसार मायावती ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों में होने वाले 11 विधानसभा उप-चुनावों में अकेले लड़ेंगी.

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ बड़ी रणनीति बनाते हुए एसपी, बीएसपी और आरएलडी के बीच गठबंधन हुआ था. महागठबंधन से एसपी-बीएसपी को काफी उम्मीदें थी. अखिलेश- मायावती ने सूबे की 50 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया था. लेकिन लोकसभा चुनावों के परिणाम उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत रहा.

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आम चुनाव में बीएसपी केवल 10 सीटों पर ही जीत सकी जबकि एसपी को केवल 5 सीटें मिलीं. वहीं बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन को 64 सीटों पर जीत मिली थी. आज की बैठक में मायावती ने यूपी में संगठन को चार हिस्सों में बांट कर तीन जगहों पर मुस्लिम नेताओं को काम दे दिया. मुनकाद अली, नौशाद और शम्सुद्दीन राइनी को नई जिम्मेदारी दी.

इससे पहले मायावती ने रविवार को 6 राज्यों के लोकसभा चुनाव प्रभारियों को हटा दिया है. इसके साथ ही उन्होंने तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को भी पद से बेदखल कर दिया है. मायावती ने उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा के लोकसभा चुनाव प्रभारियों को हटाया है. और दिल्ली व मध्य प्रदेश के बीएसपी अध्यक्षों को भी पद से बेदखल किया है.