लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने मंगलवार को अपने 63वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मोदी पर जोरदार हमला बोला. मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर 2014 में लोगों से किए गए वादों को लेकर धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी लोगों को जाति व धर्म के नाम पर बांट रही है. मायावती ने कहा कि लोग लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए वोट देंगे.मायावती ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी व समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बीच गठबंधन ने सत्तारूढ़ बीजेपी की रातों की नींद हराम कर दी है.
लोकसभा चुनाव के लिए बसपा के समाजवादी पार्टी के साथ गठजोड़ करने के तीन दिनों बाद मायावती ने फिर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि गठबंधन ने सत्तारूढ़ बीजेपी व अन्य की रातों की नींद उड़ा दी है. मायावती ने कहा, "मोदी बहुत-सी जगहों पर कई रैलियां कर रहे हैं. वह पहले की तरह ही लोगों से फिर से बहुत से झूठे वादे कर रहे हैं. और इन वादों पर भी कोई काम नहीं होगा."
सरकार पर लोगों के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए मायवाती ने कहा, "सरकार किसानों, विद्यार्थियों व दूसरे लोगों के साथ किए वादे पूरा करने में नाकाम रही है. उन्होंने कालाधन वापस लाने व हर किसी के खाते में 15 लाख रुपये डालने का वादा किया था." मुस्लिमों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने की मांग करते हुए मायावती ने कहा, "मोदी सरकार द्वारा उच्च वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए लाया गया 10 फीसदी आरक्षण चुनाव के मद्देनजर है. लेकिन हमारी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है."
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि मुस्लिमों को भी इसी आधार पर 10 फीसदी आरक्षण दिया जाए." बीजेपी व राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) पर निशाना साधते हुए, उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने कहा, "वे सिर्फ धर्म के नाम पर ही गलत राजनीति नहीं कर रहे, बल्कि अब उन्होंने भगवान की जाति को लेकर राजनीति शुरू कर दी और राजनीतिक लाभ लेने के लिए सांप्रदायिक विभाजन पैदा कर रहे हैं." मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जुमे की नमाज को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया.
राज्य में बसपा-सपा गठबंधन पर मायावती ने कहा, "इस साल मेरा जन्मदिन ऐसे समय पड़ा है, जब लोकसभा चुनाव बहुत करीब है. चुनाव को ध्यान में रखते हुए मेरी पार्टी ने सपा के साछ गठबंधन किया है, जिससे बीजेपी व अन्य की रातों की नींद उड़ गई है." मायावती ने केंद्र पर राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए सीबीआई जैसे संस्थानों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "इसका बेहतरीन उदाहरण अखिलेश यादव हैं और सरकार का इस तरह का कार्य निंदाजनक व दुर्भाग्यपूर्ण है.
यह एक राजनीतिक साजिश है." मायावती व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में साथ लड़ने की घोषणा 12 जनवरी को की. सपा-बसपा राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर लड़ेंगी और अमेठी व रायबरेली में अपने उम्मीदवार नहीं खड़े करेगी. कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा गया है. मायावती ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश ही तय करता है कि केंद्र में किसकी सरकार बनेगी. साल 2014 के चुनाव में बीजेपी व उसके सहयोगियों ने 73 सीटों पर जीत हासिल की थी.
पार्टी कार्यकर्ताओं से पहले के मतभेदों को भुलाकर गठबंधन को वोट देने की अपील करते हुए मायावती ने कहा, "इस गठबंधन को सफल बनाने के लिए मैं सपा-बसपा के सभी कार्यकर्ताओं से अतीत के मतभेदों को भुलाने और दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों की जीत के लिए कार्य करने की अपील करती हूं. यह मेरे जन्मदिन का सबसे बड़ा उपहार होगा."
किसानों की पूर्ण कर्जमाफी का समर्थन करते हुए मायावती ने कहा कि अगर मोदी सरकार कृषि क्षेत्र के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों का क्रियान्यवयन करती है तो यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा. इस मौके पर मायावती ने 'ब्लू बुक' का 14वां संस्करण जारी किया. 'ब्लू बुक' मायावती के बसपा नेता के तौर पर संघर्ष की कहानी बयां करती है. मायावती ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल के जन्मदिन पर भी शुभकामनाएं दी. कन्नौज से सांसद डिंपल का जन्मदिन भी 15 जनवरी को पड़ता है.