नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बातचीत की प्रक्रिया गुरूवार को पूरी हो गई और शुक्रवार को नई सरकार के गठन एवं इसकी रूपरेखा के बारे में अंतिम निर्णय होगा. दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के बीच सभी मुद्दों पर बातचीत हो गई है और सहमति भी बन गई है. चव्हाण के मुताबिक अब दोनों पार्टियां शुक्रवार को मुंबई में अपने छोटे सहयोगी दलों और शिवसेना के साथ बातचीत करेंगी.
उन्होंने कहा कि कल मुंबई में ही इस बारे में विचार होगा कि नयी सरकार का क्या स्वरूप होगा. सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को ही मुंबई में सरकार गठन तथा इसकी पूरी रूपरेखा के बारे में घोषणा की जा सकती है. इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं. एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल हैं. इससे पहले कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार गठन के लिए आगे बढ़ने को लेकर बृहस्पतिवार को स्वीकृति प्रदान कर दी. यह भी पढ़े-महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष: कांग्रेस-NCP नेताओं की बैठक खत्म, पृथ्वीराज चव्हाण बोले-राज्य में जल्द बनेगी सरकार
पृथ्वीराज चव्हाण बोले-कांग्रेस और एनसीपी में सहमति
Prithviraj Chavan, Congress: Congress & NCP have completed discussions on all issues. There is complete unanimity. Tomorrow in Mumbai, we will have meeting with our other alliance parties. Later in the day, we will have discussion with Shiv Sena. #Maharashtra pic.twitter.com/Fkpx3PshL0
— ANI (@ANI) November 21, 2019
कांग्रेस-एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को दिल्ली में लगातार बैठक की थी और इसके बाद ऐलान किया था कि वे जल्द ही राज्य में शिवसेना के साथ मिलकर नयी सरकार का गठन करेंगे.
गौर हो कि मुंबई में सोमवार को शाम 4 बजे कांग्रेस पार्टी अपने विधायक दल की बैठक करेगी. इस बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आने के बाद से ही सरकार बनाने को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन ढाई साल के लिए सीएम पद पर शिवसेना के दावे के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)