महाराष्ट्र: बीजेपी के इनकार के बाद राज्यपाल ने पूछा- क्या शिवसेना बनाना चाहती है सरकार, एनसीपी ने समर्थन देने के बदले रखी यह शर्त
उद्धव ठाकरे और नवाब मलिक (Photo Credits: PTI/ANI)

मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत (Maharashtra Politics) पर छाए संकट के बादल छटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. आलम तो यह है कि राज्य में सरकार बनाने को लेकर मचे घमासान में हर पल कोई न कोई नया मोड़ देखने को मिल रहा है. रविवार को भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) द्वारा राज्य में सरकार बनाने से इंकार करने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने शिवसेना (Shivsena) से पूछा है कि क्या वह सरकार बनाना चाहती है. दरअसल, बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात कर कहा था कि वो सरकार नहीं बना सकते, क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं है. ऐसे में अब राज्यपाल ने राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी से सरकार बनाने के बारे में पूछा है. बीजेपी के इनकार के बाद राजभवन की ओर से एक पत्र जारी किया गया, जिसमें पूछा गया है कि क्या शिवसेना सरकार बनाना चाहती है.

शिवसेना को सरकार बनाने की पेशकश- 

उधर, दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र के सियासी संकट को देखते हुए 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. एनसीपी का कहना है कि अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उसे यह घोषणा करनी होगी कि उसका बीजेपी से कोई संबंध नहीं है और उसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) से अलग होना होगा. इसके साथ ही उनके सभी मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना होगा. यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: सरकार गठन से बीजेपी के इनकार के बाद संजय राउत बोले- राज्य के मुख्यमंत्री तो शिवसेना से ही होंगे

इस शर्त पर समर्थन दे सकती है एनसीपी-

इससे पहले एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि अगर गवर्नर शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं तो हम अपने अगले कदम के बारे में सोचेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्हें शिवसेना से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. जो भी होगा आखिरी फैसला कांग्रेस और एनसीपी मिलकर लेंगे. यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: राज्यपाल से मिलकर बीजेपी ने कहा- हम अकेले नहीं बना सकते सरकार, शिवसेना पर लगाया जनता से विश्वासघात का आरोप

गौरतलब है कि राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के बारे में पूछे जाने के बाद अब शिवसेना सबसे पहले बहुमत जुटाने की कोशिश करेगी, क्योंकि शिवसेना के पास सिर्फ 56 विधायक हैं. बता दें महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, जबकि बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा होना जरूरी है. ऐसे में सरकार बनाने की पेशकश के बाद मुमकिन है कि शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन से समर्थन मांग सकती है, क्योंकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक है.