मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ता संघर्ष के बीच पिछले कुछ दिनों से शिवसेना, एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के नेता ताल ठोक कर सरकार बनाने का दावा कर रहे है. हालांकि गठबंधन पर जबरदस्त माथापच्ची के बाद भी समर्थन का फार्मूला बनता नहीं दिख रहा है. अब तक किसी भी दल ने गठबंधन पर अंतिम फैसले की जानकारी नहीं दी है. लेकिन बैठकों का दौर बदस्तूर जारी है. वहीं बीजेपी (BJP) भी बहुमत के आंकड़े से काफी दूर होने के बावजूद सत्ता पाने की आस नहीं छोड़ सकी है.
महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर तमाम नेता जुगत बैठाने में लगे हैं. लेकिन नतीजा कुछ निकलता नहीं दिख रहा है. ताजा अपडेट की बात करें तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच दिल्ली में होने वाली बैठक सोमवार तक टाल दी गई है. पहले यह बैठक रविवार को होने वाली थी. खबरों की मानें तो इस मुलाकात में सरकार गठन और समर्थन के तरीके पर अंतिम फैसला लिया जाने वाला था. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने किसानों को दी बड़ी सौगात
The meeting between Congress interim president Sonia Gandhi and NCP chief Sharad Pawar has been postponed for Monday. The meeting was earlier scheduled to take place tomorrow. (File pics) pic.twitter.com/gteiThcS9G
— ANI (@ANI) November 16, 2019
वहीं एनसीपी मुखिया शरद पवार ने रविवार को पुणे में शाम 4 बजे पार्टी नेताओं की कोर कमिटी की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस दौरान शिवसेना से गठबंधन को लेकर अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. शरद पवार ने शुक्रवार को विश्वास जताया था कि महाराष्ट्र में तीन दलों की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और विकासोन्मुखी शासन देगी.
Nawab Malik, Nationalist Congress Party (NCP) Mumbai president: Pawar Sahab (Party Chief Sharad Pawar) has called a meeting of core committee of NCP leaders tomorrow at 4 pm in Pune. #Maharashtra pic.twitter.com/dozorz7E2j
— ANI (@ANI) November 16, 2019
कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करने वाला था. लेकिन अंतिम समय में यह भी रद्द कर दिया गया. इसके पीछे वजह बताई गई कि तीनों पार्टियों के नेता और विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मौसम जनित स्थिति का आकलन करने में और चुनाव खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को सौंपने में व्यस्त हैं. राज्यपाल के साथ बैठक के कार्यक्रम से इन अटकलों को बल मिला था कि तीनों दल के बीच बात बन गई है और ये सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है जब अलग अलग विचारधारा के ये दल सरकार बना रहे हैं जिसका नेतृत्व शिवसेना करेगी. इसी के चलते तीनों दलों ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा तैयार करने की बात कह रहे है. दरअसल सीएमपी से राज्य में गठबंधन सरकार का एजेंडा निर्धारित होगा और उसके हिसाब से फैसले लिए जाएंगे. फिलहाल सीएमपी तीनों दलों के आला नेताओं को मंजूरी के लिए भेजा गया है.
इस बीच बीजेपी ने दावा किया कि वह सरकार बनाएगी। हालांकि उनसे यह खुलासा नहीं किया कि वह 288 सदस्यीय सदन में 145 के जादुई आंकड़े तक कैसे पहुंचेगी. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ा दल है और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारी संख्या 119 तक पहुंचती है. इसके साथ बीजेपी सरकार बनाएगी.
इससे पहले पिछले दो दशक में राज्य की सियासत बीजेपी-शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के इर्दगिर्द घूमती रही है. पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने ‘महायुति’ (गठबंधन) के तहत बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जिसमें से 288 सदस्यीय विधानसभा में दोनों दलों को 161 सीटें मिलीं थी. दोनों दल मिलकर सरकार बना सकते थे, लेकिन उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना द्वारा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के समझौते को लेकर चली रस्साकशी में दोनों दलों का चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया. जिस वजह से राज्य में फिर से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार नहीं बन सकी. राज्य में 12 नवंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है.