नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकर गठन पर सस्पेंस बरकरार है. एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बीच सोमवार को हुई मुलाकात में भी कोई नतीजा नहीं निकला सका. आगे की रणनीति के लिए दिल्ली में आज एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं की बैठक भी रद्द हो गई है. इस बीच दोनों ही दलों की ओर से शिवसेना को समर्थन देने के ऐलान में हो रही देरी से राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया है. हालांकि शिवसेना दावा कर रही है कि सूबे की सरकार उसके नेतृत्व में जल्द बनेगी.
शिवसेना संसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना बड़ी पार्टी होने के चलते महाराष्ट्र में सरकार बनाने जा रही हैं. इसके लिए किसी की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है. राज्य में सरकार शिवसेना के नेतृत्व में ही बनेगी. शिवसेना नेता ने आज सुबह ट्वीट किया ‘अगर जिंदगी में कुछ पाना हो, तो तरीके बदलो इरादे नही..! जय महाराष्ट्र’. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस अब तक नहीं बना सकी है समर्थन का फार्मूला ?
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 19, 2019
महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति को लेकर शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच हुई मुलाकात के कुछ घंटों बाद, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शरद पवार से मुलाकात की. मुलाकात के बाद राउत ने कहा कि उन्होंने एनसीपी प्रमुख से कहा कि उन्हें राज्य के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करनी चाहिए और उन्हें बेमौसम बरसात के चलते महाराष्ट्र में पैदा हुए कृषि संकट के बारे में सूचित करना चाहिए. साथ ही इस दौरान उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य में बहुत जल्द उनकी पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनेगी.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बताया कांग्रेस और NCP नेताओं की बैठक टली-
Nawab Malik, Nationalist Congress Party (NCP): Today's meeting between Congress & NCP leaders has been postponed till tomorrow as Congress leaders are busy in different programmes due to Indira Gandhi ji's birth anniversary. pic.twitter.com/zAIpuHIboZ
— ANI (@ANI) November 19, 2019
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से शिवसेना और बीजेपी के बीच दूरियां बढती जा रही है. ‘महायुति’ (गठबंधन) के तहत बीजेपी के साथ मिलकर शिवसेना ने चुनाव लड़ा था. 288 सदस्यीय विधानसभा में दोनों दलों को 161 सीटें मिलीं थी. दोनों दल मिलकर सरकार बना सकते थे, लेकिन उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना द्वारा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के समझौते को लेकर चली रस्साकशी में गठबंधन टूट गया. जिस वजह से राज्य में फिर से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार नहीं बन सकी. फिलहाल राज्य में 12 नवंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है.